चीन की कड़ी डिजिटल निगरानी और ऑनलाइन सेंसरशिप व्यवस्था अब उसी के गले की फांस बनती जा रही है. ताइवान की मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल (MAC) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया कि चीनी सरकार का अपने नागरिकों के जीवन के हर पहलू पर निगरानी रखना अब उसी के लिए उल्टा पड़ रहा है.

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ताइवान की ताइपे टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, MAC ने दावा किया कि 11 सितंबर को बीजिंग में चीनी अभिनेता एलन यू की संदिग्ध मौत ने चीन की डिजिटल नियंत्रण प्रणाली की कमजोरियों को एक्सपोज कर दिया. चीन के अधिकारियों ने कहा कि एक्टर शराब पीकर गाड़ी चला रहे थे इसी दौरान दुर्घटना में उनकी मौत हो गई, जबकि चीन के सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर शक जताया. चीन में इंटरनेट पर एलन यू को चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के वरिष्ठ नेता काई ची (Cai Qi) से जोड़कर कई वीडियो और ऑडियो तेजी से वायरल हुए.

चीन ने एक्टर की मौत से जुड़े ऑडियो-वीडियो हटाए

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चीन में जैसे ही सरकार को लगा कि सोशल मीडिया पर फैल रही खबरें उसके खिलाफ जा सकती हैं तो उसके ऑनलाइन सेंसर सक्रिय हो गए. इतना ही नहीं एक्टर को लेकर इंटरनेट पर जितनी भी चर्चाएं चल रही थीं, उन सबको हटाया गया. चीन के साइबर स्पेस प्रशासन ने सिना वीबो, डॉयिन और कुआइशौ जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म्स के अधिकारियों को भी तलब किया, उन पर जुर्माना लगाया और ट्रेंडिंग चीजों पर कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा.

चीन की डिजिटल सेंसरशिप एक्सपोज

MAC के अनुसार, इस घटना ने चीन की इस डिजिटल नियंत्रण रणनीति को एक्सपोज कर दिया कि अधिकारी जितना ज्यादा सेंसरशिप करेंगे, नागरिक आधिकारिक बयान पर उतना ही ज्यादा शक करेंगे. फॉरेन पॉलिसी में शोधकर्ता केविन ह्सू के एक लेख का हवाला देते हुए MAC ने कहा कि चीन में सेंसरशिप ही कहानी बन गई है, जिससे साजिश को बल मिल रहा है और सरकारी संस्थानों में विश्वास कम हो रहा है.

चीन में बढ़ा जनता का आक्रोश

मेनलैंड अफेयर्स काउंसिल ने चीन में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री में स्वायत्तता के अभाव पर भी जोर दिया, जहां कलाकारों की महत्व राजनीतिक हितों के आधार पर बढ़ती और घटती है. इसमें कहा गया कि एलन यू की मौत पर लोगों के गुस्से ने दिखाया कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की सेंसरशिप व्यवस्था का उल्टा असर हुआ है, जिससे जनता गुस्सा शांत होने के बजाय और बढ़ गया है.