China On Army Chief MM Naravane: सीमा विवाद को लेकर भारतीय सेना प्रमुख एमएम नरवणे (MM Naravane) के बयान पर चीन भड़क गया है. चीन ने गुरुवार को लद्दाख क्षेत्र (Ladakh Region) में चीनी खतरे के बारे में भारतीय सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने की टिप्पणियों की आलोचना की है. चीन ने कहा है कि उसे उम्मीद है कि भारतीय अधिकारी गैरजरूरी टिप्पणी करने से बचेंगे. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि चीन और भारत राजनयिक और मिलिट्री चैनल्स के जरिए सीमा विवाद संबंधित तनाव को कम करने के लिए काम कर रहे हैं. हमें उम्मीद है कि भारत की तरफ से कुछ लोग टिप्पणी करने से बचेंगे. 


सेना प्रमुख के बयान पर भड़का ड्रैगन


सेना दिवस से पहले बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए सेना प्रमुख जनरल नरवने (Army Chief MM Naravane) ने कहा था कि भले ही चीन के साथ वार्ता चल रही है और कई जगहों पर विवाद खत्म हो गया है लेकिन पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास चीनी खतरा किसी भी तरह से कम नहीं हुआ है. मीडिया को संबोधित करते हुए थलसेना प्रमुख ने कहा था कि पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) पर विवाद की जड़ चीनी सेना का बड़ा जमावड़ा है. सेना प्रमुख जनरल नरवणे के मुताबिक, भले ही LAC के कई विवादित जगहों पर डिसइंगेजमेंट हो चुका है लेकिन अभी भी डि-एसक्लेशन (यानी सैनिकों की संख्या कम करना) और डिइंडक्शन यानी चीन की पीएलए सैनिकों का गैरिसन में वापस जाना बाकी है.


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सेना प्रमुख ने LAC पर चीनी खतरा बताया था


सेना प्रमुख ने कहा था कि जब तक ये डि-एसक्लेशन और डिइंडक्शन नहीं हो जाता तब तक एलएसी पर शांति नहीं आ पाएगी. जनरल नरवणे ने कहा कि चीन की सेना के जमावड़े के बाद भारत ने भी 25 हजार अतिरिक्त सैनिकों की तैनाता पूर्वी लद्दाख मे की. इसका नतीजा ये हुआ कि भारत पिछले डेढ़ साल के मुकाबले आज चीनी सेना से निपटने में अच्छी स्थिति में है. उन्होंने कहा था कि अगर परिस्थितियां बिगड़ती हैं और युद्ध थोपने की कोशिश होती है तो भारत की जीत होगी. इससे पहले भारत और चीन की सेनाओं के बीच 14वें दौर की वार्ता की तारीख की पुष्टि करते हुए चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा था कि वर्तमान में सीमावर्ती इलाकों में स्थिति पूरी तरह से स्थिर है.


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