उन्होंने कहा, “मेरे पास सीधे चीन सरकार के सीमा शुल्क संघ से साक्ष्य हैं जो दिखाते हैं कि जनवरी और फरवरी के महीने में उन्होंने 18 गुना अधिक मास्क खरीदे थे.” उन्होंने कहा, “उनके पास दो अरब से ज्यादा मास्क थे. उन्होंने चश्मे और दस्तानों दोनों के अपने खर्च को बढ़ा दिया.” नवारो के मुताबिक यूरोप, भारत, ब्राजील और अन्य देशों के पास पर्याप्त पीपीई नहीं है क्योंकि ‘‘चीन इसकी जमाखोरी” कर रहा है. अधिकारी ने कहा, ‘‘ चीन ना सिर्फ इसकी जमाखोरी कर रहा है बल्कि इसे ऊंची कीमतों पर भी बेच रहा है. वो दुनिया को इसे निर्लज्जता से अत्यधिक कीमतों पर वापस बेच रहा है.”
नवारो ने कहा कि ऐसी बातों की जांच होनी चाहिए. उन्होंने साथ ही कहा कि कोई भी देश, जो अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का हिस्सा होने का दावा करता है उसके लिए इस तरह से बर्ताव करना ठीक नहीं है.
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