Sheikh Hasina Extradition: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री खालिदा जिया की पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), ने भारत से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और अवामी लीग की नेता शेख हसीना को प्रत्यर्पित करने की अपील की है. बीएनपी का यह बयान संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के बाद आया है, जिसमें दावा किया गया है कि पिछले साल सत्ता में बने रहने के लिए सुनियोजित तरीके से प्रदर्शनकारियों पर हमले और हत्याएं की गई थीं.

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में बांग्लादेश में छात्र आंदोलन के दौरान सुनियोजित तरीके से हमले और हत्याएं की गईं. रिपोर्ट में हसीना की सरकार पर मानवाधिकारों का उल्लंघन और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया गया है. बीएनपी के महासचिव मिर्जा फखरुल इस्लाम आलमगीर ने इस रिपोर्ट के आधार पर शेख हसीना को ‘फासीवादी’ कहा और उनके शासन में हुई घटनाओं की कड़ी निंदा की.

भारत से प्रत्यर्पण की मांगबीएनपी ने भारत से शेख हसीना को बांग्लादेश वापस भेजने की अपील की है, ताकि उन पर मुकदमा चलाया जा सके. मिर्जा फखरुल ने कहा कि हसीना को न्याय का सामना करना चाहिए और भारत से उन्हें तुरंत बांग्लादेश भेजने का अनुरोध किया. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने भी इस मामले पर अपनी स्थिति स्पष्ट की और कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो भारत को हसीना के प्रत्यर्पण के अनुरोध का अनुस्मारक भेजा जाएगा.

हसीना का बांग्लादेश छोड़नापिछले साल अगस्त 2024 में छात्रों के आंदोलन के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई थी, जिसके बाद हसीना बांग्लादेश छोड़कर भारत चली गई थीं. बीएनपी के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया है कि शेख हसीना के आदेश पर बड़े पैमाने पर मानवाधिकारों का उल्लंघन हुआ.

बांग्लादेश में राजनीतिक तनावइस घटनाक्रम से बांग्लादेश में राजनीतिक तनाव और बढ़ने की संभावना है. बीएनपी की मांग पर भारत की प्रतिक्रिया क्या होगी, यह देखना महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि इस स्थिति का असर दोनों देशों के रिश्तों पर भी पड़ सकता है.

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