अफ्रीकी मूल के अमेरिकन नागरिक जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के आरोपी को कोर्ट ने एक मिलियन डॉलर के मुचलके पर जमानत दे दी. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद अमेरिका में काफी बड़ी तादाद में विरोध प्रदर्शन हुए थे. जॉर्ड फ्लॉयड की मौत का जिम्मेदार 44 साल के एक श्वेत पुलिस अधिकारी समेत उनके तीन पूर्व सहकर्मियों पर लगा था. फ्लॉयड के मौत के बाद अमेरिका 1960 के बाद अमेरिका में बड़ा रंगभेद के खिलाफ आंदोलन चला.


26 मई को अमेरिका के मिनेपोलिस शहर में जॉर्ज फ्लॉयड नाम के शख्स को पुलिस ने धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था. एक पुलिस अधिकारी डेरेक शौविन ने सड़क पर अपने घुटने से फ्लॉयड की गर्दन को करीब आठ मिनट तक दबाए रखा. जॉर्ज लगातार पुलिस अफसर से घुटना हटाने की गुहार लगाते रहे लेकिन पुलिस ऑफिसर ने दया नहीं दिखाई. धीरे-धीरे फ्लॉयड की हरकत बंद हो गई और उन्हें अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई.


वीडियो हुआ था वायरल


पुलिस हिरासत में मरने वाले जॉर्ज फ़्लॉयड का वीडियो वायरल हो गया. इस वायरल वीडियो में दिख रहा था कि पुलिसकर्मी डेरेक शैविन ने घुटना टेककर उनकी गर्दन दबाए रखी. जॉर्ज उस पुलिसकर्मी से लगातार कहते रहे कि 'उन्हें सांस नहीं आ रही है.' लेकिन डेरेक ने उन्हें नहीं छोड़ा. जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद लोग आक्रोशित हो गए और पूरे अमेरिका में हिंसक प्रदर्शन शुरू हो गए. हिंसक प्रदर्शनों के मद्देनजर उस दौरान वॉशिंगटन समेत अमेरिका के 40 शहरों में कर्फ्यू लागू कर दिया गया था.


दुकानों और शोरूम्स में लगाई गई थी आग


जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के बाद भड़की हिंसा के दौरान लोगों ने अमेरिका में कई शहरों में दुकानों और शोरूम्स में आग लगा दी थी और जमकर लूटपाट भी की गई थी. लोग कोरोना संकटकाल में वैसे ही आर्थिक परेशानियों से जूझ रहे थे और ऐसे में इस हिंसा से स्थिति और खराब हो गई.


वायुसेना का 88वां स्थापना दिवस आज, चीन से तनाव के बीच हिंडन एयरबेस पर दिखेगी एयरफोर्स की ताकत