Bimstec Summit 2025: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को म्यांमार के वरिष्ठ जनरल आंग ह्लाइंग से मुलाकात की. इस बैठक में दोनों देशों के आपसी रिश्तों पर बातचीत हुई. इसके साथ ही प्रधानमंत्री मोदी ने 28 मार्च को आए भूकंप में हुए जान-माल के नुकसान पर दुख जताया और अपनी संवेदना व्यक्त की.

एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा,'बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान मेरी म्यांमार के वरिष्ठ जनरल मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात हुई. हाल ही में आए भूकंप से हुए जान-माल के नुकसान पर मैंने एक बार फिर संवेदना व्यक्त की. भारत इस कठिन समय में म्यांमार के लोगों की मदद के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है. हमने भारत-म्यांमार के आपसी रिश्तों पर भी चर्चा की, खासकर सड़क और संपर्क, स्किल डेवलपमेंट, इंफ्रास्ट्रक्चर और दूसरे क्षेत्रों में सहयोग को लेकर."

आधे घंटे तक चली मुलाकात 

म्यांमार के वरिष्ठ जनरल आंग ह्लाइंग ने मुलाकात के दौरान  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भूकंप के दौरान तेजी से राहत सामग्री भेजने के लिए धन्यवाद दिया. उन्होंने ऑपरेशन ब्रह्मा की सराहना की और भारत द्वारा बनाए गए अस्थायी अस्पताल के लिए भी आभार जताया. पीएम मोदी ने कहा, "इस संकट की घड़ी में भारत हमेशा म्यांमार के भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है." इस दौरान कनेक्टिविटी और बिम्सटेक सहयोग पर भी बातचीत हुई. सूत्रों के मुताबिक, मुलाकात से पहले पीएम मोदी ने भूकंप में जान गंवाने वालों के लिए गहरा दुख व्यक्त किया. यह द्विपक्षीय बैठक करीब आधे घंटे तक चली.

 

भारत का राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) म्यांमार में 'ऑपरेशन ब्रह्मा' के तहत बचाव और राहत कार्यों में जुटा हुआ है. 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के भूकंप के बाद म्यांमार में भारी तबाही हुई थी. भारत ने सबसे पहले मदद भेजकर एक बार फिर यह साबित किया कि वह पड़ोसी देशों की मुश्किल घड़ी में हमेशा साथ खड़ा रहता है. भारत ने भूकंप से प्रभावित लोगों को जरूरी सहायता दी और राहत अभियान में मुख्य भूमिका निभाई.

प्रधानमंत्री मोदी और थाईलैंड के पीएम के बीच हुई मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को थाईलैंड के प्रधानमंत्री पैतोंगतार्न शिनावात्रा से मुलाकात की. इस द्विपक्षीय बातचीत में दोनों नेताओं ने राजनीतिक रिश्तों, रक्षा और सुरक्षा साझेदारी को और मजबूत करने पर चर्चा की. साथ ही दोनों देशों के बीच रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने के तरीकों पर भी बात हुई. उन्होंने कनेक्टिविटी, स्वास्थ्य, विज्ञान और तकनीक, स्टार्टअप, नवाचार, डिजिटल दुनिया, शिक्षा, संस्कृति और पर्यटन जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने की ज़रूरत पर जोर दिया. जब प्रधानमंत्री मोदी गवर्नमेंट हाउस पहुंचे तो थाईलैंड के प्रधानमंत्री ने गर्मजोशी से उनका स्वागत किया.