Bangladesh Violence: बांग्लादेश के कट्टरपंथी हर उस शख्स को निशाना बना रहे हैं, जो शेख हसीना और उनके परिवार के समर्थन में हैं. इस्लामी शासन की चाह रखने वाले लोग बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को भी नहीं छोड़ रहे हैं. लोकप्रिय बांग्लादेशी अभिनेत्री रोकेया प्राची पर 15 अगस्त को हिंसक भीड़ ने उस समय हमला किया, जब वह देश के संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि देने के लिए 32 बंगबंधु रोड जा रही थीं

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भारत के एक निजी चैनल से हुई बातचीत में प्राची ने बताया कि बांग्लादेश की मौजूदा हालत 1971 से भी बुरी हो गई है. देश में हिंदुओं को मारा जा रहा है. प्राची ने कहा कि हमले के दौरान गुस्साई भीड़ ने पोस्टर फाड़ दिए और उन्हें जान से मारने की बात कही. प्राची ने बताया, 'वे सभी बीएनपी और जमात-ए-इस्लामी के समर्थक और कार्यकर्ता थे. वे मुझे मारना चाहते थे. मुझे पीटने और बाहर फेंकने के बाद उन्होंने नाचना शुरू कर दिया. कपड़े फाड़ दिए गए, महिलाओं को शारीरिक रूप से परेशान किया गया.'

बांग्लादेश में डर के मारे अंडरग्राउंड हो रहे लोगप्रसिद्ध बांग्लादेशी अभिनेत्री पिछले कुछ सप्ताह में बांग्लादेश में फैली हिंसा की बढ़ती लहर का शिकार बनी हैं. यह संकट अवामी लीग के नेताओं और पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रति समर्थन जताने वालों के लिए लगातार खतरनाक होता जा रहा है. शेख हसीना 5 अगस्त को हिंसक छात्र विरोध प्रदर्शनों के बीच देश छोड़कर भाग गई थीं. आवामी लीग के कई नेता जान के डर से भूमिगत हो गए हैं. बांग्लादेश में यह खतरा सिर्फ नेताओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अब अभिनेताओं को भी निशाना बनाया जा रहा है. 

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बांग्लादेश का राष्ट्रगान बदलना चाहते हैं कट्टरपंथी? प्राची ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि मैं कल सुरक्षित रहूंगी या नहीं. मुझे इस नई-नई आजादी में कुछ भी सार्थक नहीं लगता.' प्राची ने कहा, 'हमने 1971 के बारे में सुना है, यह उससे भी बड़ा है. कई हिंदुओं पर हमला किया गया है. ये लोग बंगबंधु और उनके आत्म-बलिदान की यादों को मिटाने की कोशिश कर रहे हैं. वे राष्ट्रगान बदलना चाहते हैं. यह विरोध पूरी तरह से एक अलग विरोध है, कोटा मुद्दे को दिखावा बनाकर यह सब किया जा रहा है.'

बांग्लादेश की जड़ो नष्ट किया जा रहा- प्राचीप्राची ने कहा, 'मुझे नहीं पता कि इस समय देश को कौन चला रहा है, वे सिर्फ हत्याएं कर रहे हैं और शवों को लटका रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'क्या हम किसी नोबेल विजेता या कोटा सेना के अधीन हैं? यहां तक ​​कि बंदूक की नोंक पर भी मैं अपने देश में किसी और चीज के लिए समझौता नहीं करूंगी. आज जो कुछ हो रहा है, वह बांग्लादेश की जड़ों को नष्ट करने का प्रयास है.'

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