Bangladesh india Relation: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस के कार्यालय ने मंगलवार को कहा कि अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना का भारत से प्रत्यर्पण उनके देश की प्राथमिकता है.
मुख्य सलाहकार यूनुस के प्रेस सचिव शफीक-उल आलम ने कहा, ‘‘यह सरकार की शीर्ष प्राथमिकता है.’’ उन्होंने बताया कि ढाका हसीना को प्रत्यर्पित करने के अपने प्रयासों को जारी रखेगा ताकि व्यक्तिगत तौर पर उन पर मुकदमा चलाया जा सके और जल्द भारत से उन्हें लाया जा सके.
आलम ने कहा कि एक भारतीय मीडिया समूह द्वारा किए गए सर्वेक्षण से पता चला है कि 55 प्रतिशत भारतीय चाहते हैं कि उन्हें वापस ढाका लाया जाए, जबकि कुछ प्रतिशत उन्हें दूसरे देश भेजना चाहते हैं और केवल 16-17 प्रतिशत चाहते हैं कि वे भारत में ही रहें.
सर्वे इंडिया टुडे एनई की तरफ से आयोजित मूड ऑफ द नेशन शीर्षक के तहत किया गया
इस सर्वे में हसीना को भारत की ओर से आश्रय प्रदान करने के मुद्दे पर जनता की राय मांगी गई थी. हसीना ने जुलाई में बांग्लादेश में हुए विद्रोह के बाद भारत में शरण ली थी. सर्वे में 21.1 फीसदी लोगों का मानना है कि भारत को हसीना को बांग्लादेश में प्रत्यर्पित करना चाहिए ताकि ढाका में वर्तमान सरकार के साथ संबंधों में सुधार हो सके. वहीं, 29.1 फीसदी लोगों का मानना है कि हसीना को भारत में रहने के बजाय किसी अन्य देश में ट्रांसफर कर दिया जाना चाहिए.
पूर्वोत्तर राज्यों का सर्वे में योगदानबांग्लादेश के साथ सीमा साझा करने वाले पूर्वोत्तर राज्यों में हसीना के प्रत्यर्पण के लिए समर्थन सबसे मजबूत है. इस क्षेत्र के 55 फीसदी लोगों ने कहा कि हसीना को बांग्लादेश वापस भेजा जाना चाहिए. साथ ही, 16 फीसदी लोगों का मानना है कि उन्हें कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए किसी तीसरे देश में भेजा जाना चाहिए, जबकि 23 फीसदी का मानना है कि भारत के साथ उनके लंबे गठबंधन को देखते हुए उन्हें भारत में रहने की अनुमति दी जानी चाहिए.