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इन दिनों अमेरिका का B-21 Raider और रूस का TU 160M दुनिया की नजरों में बने हुए हैं. यह दोनों दुनिया के सबसे खतरनाक बॉम्बर विमान हैं. यह दोनों न्यूक्लियर ट्रायड जेट्स हैं यानी यह हवा, समुद्री और जमीन तीनों जगह से हमला करने में सक्षम हैं.

अमेरिका B-21 को तेजी से प्रोडक्शन और टेस्ट में आगे बढ़ा रहा है, जबकि रूस Tu-160M की नई डिलीवरी से अपनी पुरानी लेकिन अपग्रेडेड ताकत दिखा रहा है. दोनों विमानों की तुलना से पता चलता है कि अमेरिका स्टेल्थ टेक्नोलॉजी पर फोकस कर रहा है, जबकि रूस स्पीड और हेवी पेलोड पर महारत हासिल करना चाहता है.

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अमेरिका का नया 6th-जेनरेशन स्टेल्थ बॉम्बर

B-21 दुनिया का पहला 6th जेनरेशन स्टेल्थ स्ट्रैटेजिक बॉम्बर है. यह B-2 स्पिरिट विमान का बेहतर और सस्ता रिप्लेस है. पहला B-21 नवंबर 2023 में उड़ा था. सितंबर 2025 में दूसरे B-21 ने पहली उड़ान भरी थी. अब कुल मिलाकर तीन एयरक्राफ्ट एक्टिव हैं. इनमें दो फ्लाइंग टेस्ट में और एक ग्राउंड टेस्ट में है.

B-21 के लिए नया बेस और रनवे तैयार

B-21 के लिए एल्वर्थ AFB में रनवे और नया फैसिलिटी बेस बनकर तैयार हो गया है. Dyess AFB में भी बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं. पाल्मडेल में करीब 40 एयरफ्रेम असेंबली में हैं यानी 40 नए विमान बन रहे हैं. अमेरिकी एयरफोर्स (USAF) ने 100 से ज्यादा B-21 बनाने की योजना बनाई है. पहली ऑपरेशनल यूनिट 2026-27 में आने की उम्मीद है.

दुनिया का सबसे तेज रूसी सुपरसोनिक बॉम्बर

Tu-160M दुनिया का सबसे तेज सुपरसोनिक बॉम्बर है, जिसे 'व्हाइट स्वान' भी कहते हैं. इसे टुपोलेव कंपनी ने बनाया है. यह सोवियत काल का पुराना डिजाइन है, लेकिन अब अपग्रेडेड वर्जन में मौजूद है. 17 दिसंबर 2025 को रूस के डिफेंस मिनिस्टर आंद्रेई बेलोसोव ने कहा कि इस साल रूसी एयरोस्पेस फोर्सेस को दो नए Tu-160M मिले हैं. इन्हें कजान प्लांट से नया बनाया गया है. NATO इसे ब्लैकजैक भी कहता है.

रूस के पास अब 20 से ज्यादा Tu-160M जेट्स हो गए हैं. रूस 50 नए जेट्स बनाने की प्लानिंग कर रहा है, क्योंकि रूस के स्टेल्थ बॉम्बर 'पाक डा' को बनने में देरी हो रही है. रूस Tu-160M को यूक्रेन के खिलाफ इस्तेमाल कर रहा है. यह दिखाता है कि सेंक्शंस के बावजूद रूस अपनी लॉन्ग-रेंज एविएशन को मजबूत रख रहा है. यह न्यूक्लियर ट्रायड का महत्वपूर्ण हिस्सा है.

B-21 और Tu-160M में बेहतर कौन है?

B-21 स्टेल्थ और पेनेट्रेशन (दुश्मन एरिया में घुसना) पर फोकस करता है और इसकी स्पीड Mach 0.8 है, जबकि Tu-160M स्पीड (Mach 2+), हेवी पेलोड (45 टन) और दूर से मिसाइल दागने में माहिर है.

दोनों न्यूक्लियर डिटरेंस के लिए हैं, लेकिन B-21 ज्यादा एडवांस्ड और फ्यूचर-प्रूफ है. रूस Tu-160M को इंटरिम सॉल्यूशन मान रहा है, जबकि अमेरिका B-21 को लॉन्ग-टर्म गेम-चेंजर साबित होता है.

2025 में दोनों के अपडेट्स (टेस्टिंग, डिलीवरी, बेस) ने मीडिया में तुलना बढ़ा दी है, खासकर इंडो-पैसिफिक और यूरोप में बढ़ते टेंशन के बीच.

B-21 अमेरिका की मॉडर्नाइजेशन और टेक्नोलॉजी की ताकत दिखा रहा है, जबकि Tu-160M रूस की पुरानी डिजाइन को अपग्रेड करके जारी रखने की क्षमता दिखाता है. दोनों ही सुपरपावर की मिलिट्री स्ट्रेंथ का बड़ा सिंबल हैं.

इन दोनों बॉम्बर की कीमत कितनी है?

यह दोनों स्ट्रैटेजिक बॉम्बर बहुत महंगे हैं और इनकी कीमतें क्लासिफाइड यानी सीक्रेट होती हैं. इस वजह से ऑफिशियल फिगर पूरी तरह पब्लिक नहीं हैं. लेकिन अमेरिकी एयरफोर्स, नॉर्थरोप ग्रुम्मन, रूसी मीडिया और डिफेंस एनालिसिस की रिपोर्ट्स के मुताबिक, B-21 बॉम्बर की कीमत करीब 692 मिलियन डॉलर (करीब 6.22 हजार करोड़ रुपए) प्रति प्रति यूनिट है. रूसी Tu-160M की कीमत करीब 270 मिलियन डॉलर (2.42 हजार करोड़ रुपए) प्रति यूनिट है.