Azerbaijan Armenia War: रूस-यूक्रेन के बीच जारी संघर्ष अभी खत्म नहीं हुआ. इसी बीच दो अन्य देशों के बीच जंग छिड़ गई है. दरअसल, अजरबैजान ने मंगलवार (19 सितंबर) को एक बार फिर आर्मेनिया के खिलाफ जंग का ऐलान कर दिया है. इससे पहले दोनों देशों के बीच लंबे समय से तनाव जारी था, लेकिन अजरबैजान के काराबाख के बारूदी सुरंगों में छह नागरिक मारे जाने के बाद बवाल बढ़ गया. आलम यह है कि अजरबैजानी सेना आर्मेनिया के कब्जे वाले क्षेत्र में घुस चुकी हैं. 


बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अज़रबैजान के रक्षा मंत्रालय ने मंगलवार को ऐलान किया कि उसने आर्मेनियाई नियंत्रण के तहत नागोर्नो-काराबाख में 'आतंकवाद विरोधी अभियान शुरू कर दिया है. आर्मेनियाई रक्षा अधिकारियों ने अजरबैजान पर मिसाइल-तोपखाने से हमले करने का आरोप लगाया है. साथ ही इसे युद्धविराम का उल्लंघन बताया है. आर्मेनियाई मीडिया ने भी इसे बड़े स्तर पर सैन्य आक्रमण का नाम दिया है. 


पहले भी लड़ी जा चुकी हैं दो जंगें 


रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देशों की सेनाओं के बीच भीषण गोलीबारी जारी है. इससे पहले अजरबैजान और आर्मेनिया में दो बार युद्ध हो चुके हैं. पहला युद्ध सोवियत संघ के पतन के बाद 1990 के दशक की शुरुआत में हुआ था, जबकि 2020 में दोनों देशों के बीच 29 दिनों तक युद्ध चला था. 


काराबाख को लेकर है पूरा विवाद 


काराबाख को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अजरबैजान के हिस्से के रूप में मान्यता मिली हुई है. काराबाख में बड़ी संख्या में आर्मेनियाई आबादी रहती है, ऐसे में यहां आर्मेनिया का कब्ज़ा है, यही वजह है कि इस क्षेत्र को लेकर दोनों देशों के बीच तनाव बना रहता है. ग्रीक सिटी टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, अजरबैजान ने आर्मेनियाई नागोर्नो-काराबाख में एक सैन्य ऑपरेशन का ऐलान किया है. इस सैन्य ऑपरेशन का मकसद नागोर्नो-काराबाख को आर्मेनिया के कब्जे से पूरी तरह से मुक्त करना है.


इससे पहले आर्मेनिया के विदेश मंत्रालय ने सोमवार को आशंका जाहिर करते हुए कहा था कि अजरबैजान का कूटनीतिक रुख ऐसा लग रहा है जैसे वह सैन्य ताकत बढ़ाने के लिए जमीन तैयार कर रहा है. 


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