China US Tariff: ऑस्ट्रेलिया ने चीन का यह प्रस्ताव ठुकरा दिया है कि वह अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ के खिलाफ एक साथ मिलकर काम करें. चीन ने यह सुझाव तब दिया जब अमेरिका ने चीन और ऑस्ट्रेलिया दोनों पर भारी टैक्स लगाए हैं. अमेरिका ने ऑस्ट्रेलियाई सामानों पर 10% और चीनी सामानों पर 125% तक का टैरिफ लगाया है.

ऑस्ट्रेलिया में चीन के राजदूत जियाओ कियान ने कहा कि अमेरिका के "दबाव डालने वाले और एकतरफा रवैये" का मुकाबला करने के लिए सबको मिलकर विरोध करना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि दुनिया को एकतरफावाद और सिर्फ अपने फायदे के लिए बनाए गए नियमों का विरोध करना चाहिए.

ऑस्ट्रेलियाई PM ने कही ये बात

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने कहा कि उनका देश सबसे पहले अपने हितों का ख्याल रखेगा, खुद के लिए बोलेगा और चीन की बातों से सहमत नहीं होगा. ऑस्ट्रेलिया के रक्षा मंत्री रिचर्ड मार्लेस ने भी साफ कहा कि ऑस्ट्रेलिया चीन के साथ मिलकर कोई गठबंधन नहीं बनाएगा. उन्होंने कहा, "हम चीन का हाथ नहीं पकड़ने वाले हैं. हम अपने व्यापार को और देशों के साथ भी बढ़ाने पर ध्यान दे रहे हैं." 

मार्लेस ने ऑस्ट्रेलिया के नाइन न्यूज़ से बातचीत में कहा, "हम अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्ध नहीं देखना चाहते, लेकिन हमारा फोकस अपने व्यापार को कई दिशाओं में फैलाने पर है."

ऑस्ट्रेलिया ने टैरिफ पर जताई निराशा

ऑस्ट्रेलिया ने अमेरिका द्वारा लगाए गए टैरिफ को लेकर नाराजगी जताई है, लेकिन उसने कोई जवाबी कदम नहीं उठाने का फैसला किया है. इसकी जगह ऑस्ट्रेलिया व्हाइट हाउस के साथ बातचीत करना चाहता है ताकि इस मुद्दे का हल निकाला जा सके.

चीन के राजदूत जियाओ कियान ने कहा कि अमेरिका व्यापार से जुड़े मामलों को एक तरह से हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहा है, जिससे दुनिया की व्यवस्था को नुकसान हो रहा है और वैश्विक अर्थव्यवस्था में उथल-पुथल मच सकती है. उन्होंने कहा कि चीन और ऑस्ट्रेलिया को मिलकर निष्पक्ष और खुले व्यापार को सुरक्षित रखने के लिए साथ काम करना चाहिए.

ऑस्ट्रेलिया खोज रहा है नए विकल्प

ऑस्ट्रेलिया अब अमेरिका के अलावा दूसरे देशों में अपने सामान भेजने के नए मौके तलाश रहा है. देश चाहता है कि वह चीन पर कम निर्भर रहे और अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत और लचीला बनाए. इसके लिए वह इंडोनेशिया, भारत, यूके (ब्रिटेन) और यूएई जैसे देशों के साथ व्यापार बढ़ाने पर ध्यान दे रहा है.

प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज़ ने कहा, "हमारा 80% व्यापार अमेरिका से नहीं होता. ऑस्ट्रेलिया के पास और भी बहुत से मौके हैं और हम उन्हें अपनाना चाहते हैं." ऑस्ट्रेलिया के व्यापार मंत्री डॉन फैरेल ने हाल ही में जापान, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया और भारत के व्यापार मंत्रियों से मुलाकात की है ताकि इन देशों के साथ व्यापार को और मजबूत किया जा सके.