ऑस्ट्रेलिया की संसद ने गुरुवार को ऐसा लैंडमार्क कानून पारित कर दिया है, जिसके बाद अब टेक फर्मों को समाचार के लिए भुगतान करना जरूरी हो गया है. सरकार ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया में सार्वजनिक हित की पत्रकारिता को बनाए रखने में ये कानून मदद करेगा. इस ऐतिहासिक कानून के पारित होने के बाद से अब फेसबुक और गूगल जैसी दिग्गज टेक कंपनियों को स्थानीय मीडिया कंपनियों को न्यूज के लिए पैसे देने होंगे. लेकिन फेसबुक और गूगल इन दोनों ही कंपनियों ने स्थानीय मीडिया कंपनियों को भुगतान करने वाली नीति का विरोध करते हुए कहा कि ये सही नहीं है, हालंकि कानून पारित होने के बाद उन्हें इसके नियमों को मानना ही होगा.
गौरतलब है कि इस ऐतिहासिक फैसले पर पूरी दुनिया की नजर थी क्योंकि इस कानून के कारण अब मीडिया संस्थानों की जवाबदेही तय होगी. जानकारों का मानना है कि अब गूगल और फेसबुक पर कटेंट परोसते वक्त लोग सावधानी पूर्वक निवेश करेगें, साथ ही नियामों के साथ कंपनियों के आपसी विवाद को शांत कराने में भी मदद मिलेगी. खास बात ये है कि इस कानून के बाद गूगल अब जो कुछ भी दिखाएगा, उसके लिए उसे भुगतान करना होगा. ऐसे ही फेसबुक जो भी न्यूज के तहत परोसेगा उसे उसका भुगतान करना पड़ेगा. आपको बता दें कि ये कानून साल 2021 के अंत में ऑस्ट्रेलिया में लागू होगा.
बता दें कि इससे पहले फेसबुक को ऑस्ट्रेलियन सरकार के साथ समझौता करने के लिए मजबूर होना पड़ा था. फेसबुक ने अपने पेज पर न्यूज पब्लिश करने से लेकर भूकंप-बाढ़ जैसे आपातकालीन जानकारी शेयर करने पर भी रोक लगा दी थी. फेसबुक की इन हरकतों के खिलाफ ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने सख्ती दिखाई थी, जिसके बाद फेसबुक बैकफुट पर आया और उसने सरकार के समझौता कर लिया था. फेसबुक ने अपना बयान जारी करते हुए कहा कि हम ऑस्ट्रेलिया सरकार के साथ एक समझौते पर सहमत हो गये हैं, अब बैन हटा लिया गया है. हमने ऐसे फ्रेमवर्क का समर्थन करने का फैसला किया है जो ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और पब्लिशर्स के बीच इनोवेशन और सहयोग को बढ़ाता हो.
तो वहीं सरकार ने कहा कि News Media and Digital Platforms Mandatory Bargaining Code नामक कानून ये सुनिश्चित करेगा कि सामाचार से जुङे व्यवसाय ऑस्ट्रेलिया में सार्वजनिक हित पत्रकारिता को बनाए रखने में मदद सके.
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