Pakistan News: पाकिस्तान की सरकार और सेना ने बलूचिस्तान में हुए ट्रेन हाइजैक के लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, इस हाइजैकिंग की जिम्मेदारी बलूचिस्तान के विद्रोही संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है. दूसरी ओर, पाक सेना का दावा है कि इस घटना के पीछे भारत और अफगानिस्तान में मौजूद कुछ लोगों का हाथ है.
यह ट्रेन हाइजैकिंग बीते मंगलवार को हुई थी, जिसके बाद शुक्रवार को पाक सेना और बलूचिस्तान के मुख्यमंत्री सरफराज बुगती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भारत पर आरोप लगाया. इसी कड़ी में पाकिस्तान की पत्रकार आरजू काजमी ने इस दावे को खारिज कर दिया है.
नाकामी छुपाने के लिए दिया ये बयान
आरजू काजमी ने यूट्यूब पर कमर चीमा से बातचीत में कहा, 'पाक सेना का दावा है कि भारत का मीडिया ट्रेन हाइजैक को लेकर शोर मचा रहा था और झूठ फैला रहा था. लेकिन मैं कहती हूं कि सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि दुनियाभर का मीडिया इस पर चर्चा कर रहा था. पाकिस्तानी मीडिया ही कई घंटे तक इस मामले पर चुप रहा. दुनिया के मीडिया ने तो वही रिपोर्ट किया, जो पाकिस्तान से जानकारी मिल रही थी. पाकिस्तान ने अपनी नाकामी छुपाने के लिए ऐसे बयान दिए हैं.'
'आरोप लगाने से समस्या हल नहीं होगी'
आरजू काजमी ने कहा कि सिर्फ भारत पर आरोप लगाने से समस्या हल नहीं होगी. हम यह कहकर अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकते कि अफगानिस्तान से यह हुआ या भारत से वह हुआ. हमें अपनी व्यवस्था सुधारनी होगी और जनता के लिए काम करना होगा. अगर भारत हालात बिगाड़ रहा है, तो हमारे संस्थानों को उसे रोकने के उपाय करने चाहिए. हमें अपने काम पर ध्यान देना होगा, सिर्फ यह कहने से कुछ नहीं होगा कि सब कुछ सीमापार से हो रहा है.
'सबूत हैं तो दिखाएं'
पाक सेना द्वारा साझा किए गए अजित डोभाल के वीडियो पर भी आरजू काजमी ने प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि यह वीडियो बहुत पुराना है, और जब उन्होंने यह बात कही थी, तब वे भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) भी नहीं थे. उनके बयान को इतनी गंभीरता से लेने की जरूरत नहीं है, यह वैसा ही है जैसे हमारे शेख रशीद जैसे नेता कहते रहते हैं कि हमने भारत पर गिराने के लिए छोटे-छोटे एटम बम बना रखे हैं.
आरजू ने कहा कि अगर पाकिस्तान भारत पर आरोप लगा रहा है, तो उसे मजबूत सबूत पेश करने चाहिए. हमें दुनिया के सामने भारत को बेनकाब करना चाहिए, या फिर इन बातों को छोड़कर बलूचिस्तान में अपनी स्थिति सुधारने पर ध्यान देना चाहिए. हमें बलूचिस्तान के लोगों से संपर्क बढ़ाकर उनसे बातचीत करनी चाहिए, न कि हर बात के लिए दूसरे देशों को दोष देना चाहिए.