Pakistan Supreme Court grills Defense Secretary: पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश (CJP) और न्यायमूर्ति काजी मोहम्मद अमीन अहमद और न्यायमूर्ति इजाजुल अहसन की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने सैन्य भूमि का व्यावसायिक उद्देश्य के लिए उपयोग करने के मुद्दे पर कराची रजिस्ट्री में सुनवाई की. CJP ने रक्षा सचिव सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल मियां मोहम्मद हिलाल हुसैन से सैन्य भूमि पर की जा रही गतिविधियों के बारे में पूछताछ की. उन्होंने कहा,"यह जमीन आपको रणनीतिक और रक्षा उद्देश्यों के लिए दी गई थी, फिर भी आपने इस पर व्यावसायिक गतिविधियां शुरू कर दी हैं.”

रक्षा सचिव को आगे फटकार लगाते हुए CJP ने पूछा, “क्या हम वेडिंग हॉल और सिनेमा घर सैन्य उद्देश्यों के लिए बना रहे हैं.” उन्होंने आगे टिप्पणी कर कहा कि सभी अस्करी आवास परियोजनाएं सेना की जमीन पर बनाई गई हैं. रक्षा सचिव ने इस पर जवाब देते हुए कहा कि "हमने तय किया है कि ऐसा दोबारा नहीं होगा."उन्होंने अदालत को बताया कि हाउसिंग सोसाइटियों के निर्माण और सैन्य भूमि के व्यावसायिक उपयोग की जाँच की जाएगी और इसे रोका जाएगा. इस पर न्यायमूर्ति अमीन ने रक्षा सचिव से पूछा कि यह कैसे संभव होगा और यह प्रक्रिया कहां से शुरू होगी.

जज ने उनसे इस संबंध में अदालत को लिखित स्पष्टीकरण देने को भी कहा. मुख्य न्यायाधीश ने टिप्पणी करते हुए कहा कि सेना के कर्नल और मेजर राजाओं की तरह काम करते हैं. ये जो चाहते हैं सिर्फ वही होता है.रक्षा सचिव को आदेश देते हुए मुख्य न्यायाधीश ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि वह सभी छावनी और सभी सशस्त्र बलों के पास जाए और उनके प्रमुखों को बताएं कि रक्षा उद्देश्यों के लिए आवंटित भूमि का उपयोग व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए नहीं किया जाएगा, उनका उपयोग केवल और केवल रणनीतिक उद्देश्यों के लिए ही होगा. 

मुख्य न्यायाधीश ने मसरूर बेस और फैसल बेस पर व्यावसायिक गतिविधियां चलने को लेकर अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि हमारे साइनबोर्ड हटाने के आदेश दिए जाने के बाद भी वहां ऊंची इमारतों का निर्माण किया गया था. पीठ ने हुसैन से पूछा कि क्या उनके पास मामले के संबंध में कोई लिखित रिपोर्ट है,  जिस पर सचिव ने पीठ से इस रिपोर्ट को जमा करने के लिए और समय दिए जाने का अनुरोध किया.

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