Anil Ambani Reliance-France Dassault Partership: अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और ब्राजील जैसे चुनिंदा देशों की तरह अब भारत भी बिजनेस-जेट बनाने की तैयारी कर रहा है. इस बाबत जाने-माने बिजनेसमैन अनिल अंबानी की रिलायंस एरोस्ट्रक्चर कंपनी ने फ्रांस की दासो (दसॉल्ट एविएशन) कंपनी से करार किया है. इस करार के तहत नागपुर में रिलायंस फैसिलिटी में फ्रांस के फाल्कन-2000 बिजनेस जेट का निर्माण किया जाएगा.

Continues below advertisement

पेरिस एयर शो (16-23 जून) के दौरान अनिल अंबानी और दासो एविएशन कंपनी के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने इस बाबत करार पर हस्ताक्षर किए. ये पहली बार है कि दासो (दसॉल्ट एविएशन) कंपनी ने फ्रांस के बाहर किसी देश में बिजनेस-जेट बनाने के लिए करार किया है. करार के बाद रिलायंस कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि नागपुर स्थित दासो रिलायंस एयरोस्पेस लिमिटेड (DRAL) में भारत के साथ-साथ ग्लोबल मार्केट के लिए भी बिजनेस जेट का निर्माण किया जाएगा.

2028 तक बनकर तैयार हो जाएगा पहला फाल्कन-2000 बिजनेस जेट

Continues below advertisement

रिलायंस का दावा है कि साल 2028 में नागपुर प्लांट से पहला फाल्कन बिजनेस जेट बनकर तैयार हो जाएगा. फाल्कन-2000 बिजनेस जेट का इस्तेमाल सिविल के साथ-साथ दुनियाभर की मिलिट्री भी करती है. करीब 20 मीटर लंबे फाल्कन बिजनेस जेट में दो क्रू सदस्यों के अलावा कुल 10 लोग सवार हो सकते हैं.

इस तरह के विमान का इस्तेमाल वीआईपी मूवमेंट और चार्टर्ड फ्लाइट के लिए किया जाता है. ये विमान करीब 7,000 किलोमीटर तक की उड़ान एक बार में कर सकता है और 14 हजार मीटर की ऊंचाई तक फ्लाई कर सकता है.

फ्रांसीसी कंपनी दसॉल्ट का भारत के एविएशन सेक्टर में यह दूसरा बड़ा करार

हाल के दिनों में फ्रांसीसी कंपनी दासो (दसॉल्ट) का भारत के एविएशन सेक्टर में ये दूसरा बड़ा करार है. हाल ही में दासो ने रफाल फाइटर जेट के फ्यूसलाज बनाने के लिए टाटा एडवांस कंपनी से समझौता किया था. इन फ्यूसलाज का इस्तेमाल भी भारत के लिए बनने वाले रफाल के साथ-साथ दूसरे देशों के लिए बनाए जाने लड़ाकू विमानों के लिए किया जाएगा.

रिलाइंस कंपनी भारतीय सेना के लिए देश में ही बनाएगी गोला-बारूद

रिलायंस कंपनी ने भी पिछले हफ्ते ही जर्मनी की रायेनमेटल नाम की कंपनी से देश में ही गोला-बारूद बनाने का करार किया था. इसके अलावा एक दूसरी जर्मन कंपनी से भारत में ही गाइडेड म्युनिशन बनाने का करार किया था. इस तरह के गोला-बारूद को भारत की सेनाओं के लिए रिलायंस देश में ही बनाने जा रही है.