कोरोना वायरस से कोई भी व्यक्ति सुरक्षित नहीं है. ये वायरस हर उम्र के व्यक्ति को अपनी चपेट में ले रहा है. एक नवजात शिशु से लेकर पूरी तरह से स्वस्थ व्यक्ति तक, हर किसी को संक्रमण होने का खतरा है. इस बीच यूएस-आधारित बायोटेक्नोलॉजी कंपनी 23andMe ने हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता लगाया है कि ब्लड ग्रुप-O वाले लोगों में कोरोना के कारण संक्रमित होने की संभावना कम होती है. हालांकि इसपर अभी रिसर्च जारी है.


23andMe एक बायोटेक फर्म है जो आनुवंशिक विश्लेषण और परीक्षण से संबंधित है. 6 अप्रैल 2020 को, फर्म ने कोरोना संक्रमण के साथ जीन के संबंध पर अध्ययन करना शुरू किया था. इस अध्ययन में 7.5 लाख से ज्यादा लोगों को शामिल किया गया. मई के अंत तक अध्ययन में अतिरिक्त 10,000 लोगों को शामिल किया गया, जिनमें कोरोना के गंभीर लक्षण थे.


अध्ययन में वैज्ञानिकों ने इन 7.5 लाख लोगों के ब्लड सैंपल और जीन डिजाइन का टेस्ट किया गया. इसे तीन ग्रुप में बांटा गया. एक- जिन्होंने संक्रमण की खुद जानकारी दी, दूसरे- अस्पताल में भर्ती होने वाले लोग, तीसरे- ज्ञात जोखिम के बाद संक्रमित होने वाले व्यक्ति.


अध्ययन का परिणाम क्या रहा
फस्टपोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, अध्ययन के प्रारंभिक परिणाम से मालूम हुआ कि O ब्लड ग्रुप वाले लोगों को संक्रमित होने की कम से कम संभावना थी. दूसरे ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों की तुलना में O ब्लड ग्रुप वाले व्यक्तियों में कोरोना संक्रमण 9 से 18 फीसदी कम था. आयु, लिंग, बॉडी मास इंडेक्स, जातियता के आधार पर भी लोगों को रखने पर परिणाम समान रहे.


अध्ययन में ये भी पाया गया कि O ब्लड ग्रुप वाले लोग जिन्हें सीधे संक्रमण होने का खतरा था जैसे कि स्वास्थ्य कर्मी और अन्य फ्रंट लाइन कार्यकर्ता, उन्हें अन्य ब्लड ग्रुप वाले लोगों की तुलना में 13-26 फीसदी संक्रमण होने की संभावना कम थी. हालांकि ब्लड ग्रुप-एबी वाले लोगों का कोरोना टेस्ट पॉजिटिव आने की सबसे अधिक संभावना थी. इसके बाद ब्लड ग्रुप-बी और फिर ब्लड ग्रुप-ए के लोगों में सबसे अधिक संभावना देखी गई.


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