अमेरिका के कोलोराडो प्रांत में एक गिलहरी में बुबोनिक प्लेग का मामला सामने आया है. जांच में उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. जेफरसन काउंटी के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक गिलहरी में प्लेग का ये पहला मामला है.


गिलहरी में बुबोनिक प्लेग का पॉजिटिव मामला


खबर के मुताबिक मंगलवार को जेफरसन काउंटी में स्वास्थ्य विभाग को 15 गिलहरियों के मृत पाए जाने की सूचना मिली. मौके पर पहुंचकर जब अधिकारियों ने एक गिलहरी की जांच की तो बुबोनिक प्लेग का पॉजिटिव मामला निकला. उन्होंने अन्य गिलहरियों के पॉजिटिव होने की भी आशंका जताई. अधिकारियों ने बयान में कहा, "संक्रमित बीमारी का कारण यर्सिनिया पेस्टिस (Yersinia Pestis) नामक बैक्टीरिया है."  यर्सिनिया पेस्टिस एक जूनोटिक बैक्टीरिया होता है जो आमतौर पर छोटे स्तनधारी जीवों और पिस्सुओं में पाया जाता है. ये बीमारी आमतौर पर पिस्सू के काटने से होती है जो संक्रमित प्राणी जैसे चूहा, खरगोश, गिलहरी, बिल्ली के भोजन पर निर्भर रहता है. घर में पाली जानेवाली बिल्ली को प्लेग का संदिग्ध जानवर माना गया.


स्वास्थ्य विभाग ने दी पशु मालिकों को हिदायत


अधिकारियों ने बताया कि एंटीबायोटिक दवाओं से इलाज नहीं कराने पर बिल्ली मर भी सकती है. बयान के मुताबिक प्लेग के लिए कुत्ते संवेदनशील जानवर नहीं हैं. हालांकि कुत्ते प्लेग से संक्रमित पिस्सू के वाहक हो सकते हैं. अधिकारियों ने जंगली जानवरों की आबादी के नजदीक रहनेवाले पालतू जानवरों के मालिकों को सलाह दी है. उन्होंने कहा कि अगर उनके पालतू जानवरों में बीमारी का संदेह है तो पशुचिकित्सकों से संपर्क किया जाना चाहिए. अधिकारियों ने प्लेग से बचाव के लिए कई सुरक्षात्मक उपाय सुझाए हैं. जिसमें ये उपाय भी शामिल है कि जंगली जानवरों के ठिकाने और खाने के स्रोत को खत्म कर दें. बीमार या मृत जंगली जानवर और रोडेंट को नजरअंदाज करते हुए पशु चिकित्सकों से पिस्सू के बारे में सलाह लें. बयान में कहा गया है कि सुरक्षात्मक उपाय अपनाकर प्लेग से संक्रमण के खतरे को कम किया जा सकता है.


कोरोना वायरस: पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की जांच में कोविड-19 की पुष्टि नहीं हुई


IIT दिल्ली ने बनाई दुनिया की सबसे सस्ती कोविड-19 जांच किट, केवल 85 मिनट में देगी टेस्ट रिपोर्ट