अमेरिका ने हाल ही में H-1B वीजा पर शुल्क बढ़ा दिया है. इसे लेकर भारत सरकार ने प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि सरकार ने इस प्रस्तावित प्रावधान से जुड़ी सभी रिपोर्टों का अध्ययन किया है. इसके पूर्ण निहितार्थों का विश्लेषण भारतीय उद्योगों और सभी संबंधित पक्षों द्वारा किया जा रहा है.

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रणधीर जायसवाल ने क्या कहा?

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत को उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी इस मामले को उचित और संतुलित तरीके से संभालेंगे. उन्होंने बताया कि भारतीय उद्योग ने H-1B कार्यक्रम से संबंधित कुछ अवधारणाओं को स्पष्ट करते हुए प्रारंभिक विश्लेषण पहले ही प्रस्तुत कर दिया है. बयान में यह भी कहा गया कि भारत और अमेरिका दोनों के उद्योग नवाचार और रचनात्मकता में रुचि रखते हैं और दोनों देशों को इस मुद्दे पर सही रास्ता अपनाने की उम्मीद है.

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विदेश मंत्रालय का बड़ा बयान

विदेश मंत्रालय ने यह भी कहा कि कुशल प्रतिभाओं का आवागमन और अनुभवों का आदान-प्रदान दोनों देशों में प्रौद्योगिकी, नवाचार, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धात्मकता और धन सृजन में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है. इसलिए नीति निर्माता हाल के कदमों का मूल्यांकन पारस्परिक लाभों और दोनों देशों के लोगों के बीच मजबूत संबंधों को ध्यान में रखते हुए करेंगे.

सरकार ने यह भी चेताया कि इस फैसले से प्रभावित परिवारों के लिए कई तरह की कठिनाई उत्पन्न हो सकती हैं और उम्मीद है कि अमेरिकी अधिकारी इन मुश्किलों का संतुलित समाधान करेंगे. बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा के शुल्क को बढ़ाकर 1 लाख डॉलर करने से सबसे ज्यादा भारतीय नागरिक प्रभावित होने की संभावना है, क्योंकि इस श्रेणी में पिछले कुछ समय से 70 प्रतिशत से अधिक वीजा भारत के लोगों को जारी किए गए हैं.

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