संयुक्त राज्य अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र की सांस्कृतिक और शैक्षिक संस्था UNESCO से बाहर निकलने की घोषणा की है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. उन्होंने कहा कि अमेरिका इस संस्था के 'इजरायल विरोधी रुख' और 'विभाजनकारी कारणों' को बढ़ावा देने से असहमत है.
टैमी ब्रूस ने एक्स पर क्या लिखा?अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने ट्वीट में लिखा- 'आज अमेरिका ने UNESCO से बाहर होने का निर्णय लिया है. कई अन्य यूएन संस्थाओं की तरह UNESCO भी अपने मूल उद्देश्य से भटक गया है. आगे से अमेरिका की भागीदारी केवल उन्हीं संस्थाओं में होगी जो उसे अधिक सुरक्षित, शक्तिशाली और समृद्ध बनाएं.'
इजरायल के प्रति पक्षपाती होने का आरोपअमेरिका लंबे समय से UNESCO पर इजरायल के खिलाफ पक्षपात का आरोप लगाता रहा है. अमेरिका का मानना है कि UNESCO इजरायल के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अधिकारों को नकारते हुए एकतरफा रवैया अपनाता है. इमैनुएल मैक्रों ने कहा - UNESCO को पूरा समर्थनफ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा कि UNESCO को विज्ञान, महासागर, शिक्षा, संस्कृति और विश्व धरोहर का सार्वभौमिक संरक्षक मानते हुए फ्रांस उसका पूरा समर्थन करता है. उन्होंने कहा, 'अमेरिका के बाहर निकलने से हमारे संकल्प और इस मिशन के साथ खड़े लोगों का संघर्ष कमजोर नहीं होगा.' ‘फिलिस्तीन को सदस्य बनाना अमेरिका की नीति के खिलाफ’ब्रूस ने कहा कि UNESCO का फिलिस्तीन को पूर्ण सदस्य बनाना न केवल अमेरिका की विदेश नीति के खिलाफ है, बल्कि इससे संस्था के भीतर इज़रायल विरोधी विचारों को बढ़ावा मिला है. उन्होंने कहा कि यह फैसला अत्यंत समस्याग्रस्त है.
ट्रंप पहले भी ले चुके हैं ऐसे फैसलेडोनाल्ड ट्रंप पहले भी अपने कार्यकाल में अमेरिका को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO), मानवाधिकार परिषद, जलवायु परिवर्तन समझौते और ईरान परमाणु समझौते से बाहर कर चुके हैं. लेकिन 2021 में राष्ट्रपति जो बाइडन ने फिर से इन संस्थाओं में अमेरिका की वापसी करवाई थी. अब ट्रंप के दोबारा राष्ट्रपति बनने के बाद अमेरिका फिर इन्हें छोड़ रहा है.
अन्य संस्थाओं से भी हटने की योजनारॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका अब WHO और फिलिस्तीनी राहत एजेंसी UNRWA से भी हटने की योजना बना रहा है. अगस्त तक अमेरिकी भागीदारी की समीक्षा पूरी कर ली जाएगी.
अमेरिका पहले भी छोड़ चुका है UNESCOट्रंप पहले ऐसे राष्ट्रपति नहीं हैं जिन्होंने ऐसा किया हो. 1980 के दशक में तत्कालीन राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन ने भी अमेरिका को UNESCO से बाहर कर दिया था, यह कहते हुए कि संस्था भ्रष्ट और सोवियत समर्थक है. बाद में जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में अमेरिका फिर से इसमें शामिल हुआ था.