Pakistan America Relation : अमेरिका ने आतंकवाद को जड़ से खत्म करने के लिए पाकिस्तान से हाथ मिलाया है. अमेरिका और पाकिस्तान के इस गठजोड़ से तालिबान की टेंशन बढ़ गई है. दरअसल, पाकिस्तान और अमेरिका ने तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान (TTP) और ISIS जैसे आंतकी संगठनों से निपटने के लिए हाथ मिलाया है. इसके बाद से अफगानिस्तान पर काबिज तालिबान की टेंशन बढ़ी है, क्योंकि तालिबान को TTP का ही सहयोगी माना जाता है. वहीं, पाकिस्तान TTP को अपने देश के लिए सबसे बड़ा खतरा बताता है. ऐसे में अमेरिका की सहायता से पाकिस्तान अफगानिस्तान में टीटीपी पर हमला कर सकता है. 


पाकिस्तान अनुसार, 10 मई को वॉशिंगटन में पाकिस्तान और अमेरिका आतंकवाद विरोधी वार्ता हुई. इसमें पाकिस्तान और अमेरिका के अधिकारियों ने आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई पर जोर दिया था. इसमें तकनीकी, जांच, सीमा सुरक्षा के बुनियादी ढांचे और प्रशिक्षण का प्रावधान किया गया. बयान में कहा गया कि पाकिस्तान और संयुक्त राज्य अमेरिका ने माना है कि आईएसआईएस खुरासान, जिसे दाएश के नाम से भी जाना जाता है, टीटीपी और अन्य आतंकवादी संगठनों का मुकाबला करने के लिए साझेदारी की जाएगी. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद को संबोधित करने के लिए द्विपक्षीय और क्षेत्रीय सहयोग के एक मॉडल के रूप में काम किया जाएगा. दोनों सरकारों आतंकवाद को रोकने के लिए सहयोग जारी रखने का संकल्प लिया.


अब खुद ही आतंकवादी हमलों से परेशान है पाकिस्तान
पाकिस्तान अब खुद ही आतंकवादी हमलों से परेशान है, इसलिए वह अमेरिका के साथ साझेदारी कर रहा है. इस साल अप्रैल में सेंटर फॉर रिसर्च एंड सिक्योरिटी स्टडीज की एक रिपोर्ट आई थी, जिसमें बताया गया कि पाकिस्तान में कम से कम 92% मौतें और 86% हमले आतंकवाद की वजह से हुई हैं. 2024 की पहली तिमाही में खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान प्रांतों में सबसे ज्यादा ऐसी घटनाएं दर्ज की गईं. रिपोर्ट में उल्लेख है कि देश में आतंकवादी हमलों और आतंकवाद विरोधी अभियानों की 245 घटनाओं हुईं. इसमें आम नागरिकों, सुरक्षा कर्मियों और अपराधियों की कम से कम 432 मौतें हुईं और 370 घायल हुए. 432 मौतों में से 281 नागरिक और सुरक्षा बल के जवान शामिल थे.