अफगानिस्तान में गुरुवार (4 सितंबर 2025) को एक बार फिर भूकंप के झटके महसूस किए गए. नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के अनुसार, यह झटका रिक्टर स्केल पर 4.8 तीव्रता का था और इसकी गहराई 135 किलोमीटर मापी गई. यह भूकंप उस समय आया जब बुधवार देर रात ही देश ने एक और झटका महसूस किया था. भूकंप की रिक्टर स्केल पर तीव्रता 4.3 दर्ज की गई थी और इसकी गहराई केवल 10 किलोमीटर थी.
लगातार झटकों ने प्रभावित क्षेत्रों में लोगों की चिंता और डर को और बढ़ा दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि इतने कम अंतराल में आए भूकंप आफ्टरशॉक्स (भूकंप के बाद के झटके) का संकेत हो सकते हैं. भूकंप का असर केवल उसकी तीव्रता पर नहीं, बल्कि उसकी गहराई पर भी निर्भर करता है. 10 किलोमीटर की गहराई वाला बुधवार का भूकंप सतह के करीब था, इसलिए उसका असर ज़्यादा महसूस किया गया. 135 किलोमीटर की गहराई वाला भूकंप पहले के मुकाबले गहरा था, इसलिए उसका असर सतह पर कम हो सकता है, लेकिन ऐसे झटके भूकंपीय गतिविधि की गंभीरता को दर्शाते हैं.
क्षेत्रीय प्रभाव और आशंकाअफगानिस्तान भूकंपीय गतिविधि के लिहाज से एक संवेदनशील क्षेत्र है. यहां समय-समय पर छोटे और बड़े झटके आते रहते हैं. भूकंप की वजह से मकानों में दरारें, स्थानीय आबादी में दहशत और सुरक्षा चिंताएं बढ़ जाती हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की बार-बार गतिविधि बड़े भूकंप की संभावना का भी संकेत हो सकती है.
मरने वालों की संख्या 1 हजार के पारअफगानिस्तान में आए सबसे विनाशकारी भूकंप में मरने वालों की संख्या हजार के पार पहुंच चुकी है. तालिबान सरकार के एक प्रवक्ता ने मंगलवार को बताया कि पूर्वी अफगानिस्तान में आए भीषण भूकंप में मरने वालों की संख्या 1,400 से ज्यादा हो गई है.