नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता शुभेंदु अधिकारी के साथ कथित मुलाकात को लेकर भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को हटाने की तृणमूल कांग्रेस की मांग पर चल रही बहस के बीच तृणमूल के राज्य महासचिव कुणाल घोष मंगलवार को बिना बताए मेहता के आवास पहुंच गए, लेकिन उन्हें भीतर जाने की अनुमति नहीं दी गई.


घोष ने बाद में संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने पहले से मिलने का समय नहीं लिया था और वह इसके बिना ही मेहता से मिलने पहुंचे, लेकिन उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया गया. उन्होंने कहा, ‘‘यदि शुभेंदु भी पहले से समय लेकर नहीं आए थे, तो फिर उन्हें अंदर कैसे जाने दिया गया.’’


घोष ने नयी दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने सुरक्षा गार्ड से बात की. उन्होंने कहा कि मुझे प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी क्योंकि मैंने मुलाकात के लिए पहले से समय नहीं लिया है. केवल उन्हीं लोगों को अंदर जाने और सॉलिसिटर जनरल से मिलने की अनुमति है, जिन्होंने मिलने के लिए पहले से समय लिया है या जो किसी मुकदमे के संबंध में मिलना चाहते हैं.’’


पश्चिम बंगाल भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल नेता से इस तरह का ‘‘नाटक नहीं करने’’ को कहा. 


आपको बता दें कि सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को पद से हटाने की मांग को लेकर तृणमूल कांग्रेस नेताओं ने राष्ट्रपति से मुलाकात की. तृणमूल कांग्रेस की तरफ से आरोप लगाया गया कि तुषार मेहता ने बीजेपी नेता और नारदा घोटाले के आरोपी शुभेंदु अधिकारी से कथित तौर पर मुलाकात की. तृणमूल कांग्रेस के प्रतिनिधि मंडल का कहना था कि यह प्रोफेशनल मिसकंडक्ट का मामला है, लिहाजा सॉलिसिटर जनरल के खिलाफ जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए.