मेरठ: गुमशुदा भाभी के मामले में पुलिस से मदद मांगने गये देवर को पुलिस के ताने नश्तर की तरह चुभ गये. पुलिस ने न गुमशुदगी दर्ज की और न गुमशुदा की तलाश की कोशिशें कीं. निराश सुमित ने पेड़ पर लटककर फांसी लगाई और अपनी जान दे दी. सुमित के सुसाइड के बाद पुलिस की कार्यशैली के विरोध में जब ग्रामीणों ने थाने पर जाम लगाया तो पुलिस ने दो साल पहले मर चुके सुमित के पिता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया.

मेरठ के किठौर के मूलरूप से निवासी रविन्द्र अपने परिवार और छोटे भाई सुमित के साथ पल्लवपुरम् इलाके में किराये के मकान में रहते है. दोनो भाई प्राइवेट नौकरी करते थे. 10 सितंबर की दोपहर रविन्द्र की पत्नी सुमन अचानक घर से लापता हो गई. दोनों भाई कई दिन तक उसे जान-पहचान और रिश्तेदारियों में तलाशते रहे.

लेकिन जब सुराग नहीं लगा तो उन्होंने इलाके की मोदीपुरम पुलिस चौकी पर जाकर पुलिस से मदद मांगी. रविन्द्र ने पुलिस को बताया कि पास के एक युवक पर उन्हें सुमन को गायब करने का अंदेशा है. मगर पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज करने के बजाय दोनों भाइयों को ताने दिये और सुमन के चरित्र पर कीचड़ उछालते हुए उसके लापता होने पर दोनों भाइयों को ही जिम्मेवार ठहरा दिया.

मुजफ्फरनगर में पेड़ से लटकी मिला सुमित का शव

रविवार रात को मेरठ से सटे मुजफ्फरनगर के देवल इलाके में सुमित की लाश पेड़ से लटकी मिली. पुलिस की शुरूआती तफ्तीश में साफ हुआ कि सुमित ने पेड़ पर रस्सी लटकाकर खुद को फांसी लगाकर जान दी है. सुमित के भाई रविन्द्र ने बताया कि पुलिस के आरोपों से सुमित बेहद आहत था.

कई दिन सुमन की तलाश के बाद पुलिस के पास मदद मांगने गये थे, लेकिन पुलिस की कार्यशैली देखकर बहुत दुख हुआ. पल्लवपुरम थाना प्रभारी जनकसिंह चौहान ने बताया कि दोनों भाइयों ने चौकी पर महिला की गुमशुदगी की सूचना नहीं दी थी. उन्होंने किसी पर शक जताया था सो पुलिस ने उस युवक को बुलाकर पूछताछ भी की थी, मगर आरोप निराधार निकले.

दो साल पहले मरे पिता को बनाया मुलजिम

सोमवार को सुमित का शव लेकर परिवार और ग्रामीण मेरठ आये और थाने के बाहर शव रखकर हाईवे जाम कर दिया. हंगामा-प्रदर्शन हुआ और पीड़ित परिवार ने चौकी प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. बाद में जाम खुल जाने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों के खिलाफ सड़क जाम करने का केस दर्ज किया.

यह केस पीड़ित परिवार, ग्रामप्रधान और अज्ञात ग्रामीणों के अलावा सुमित के पिता किरणपाल के खिलाफ भी दर्ज कर दिया गया जिनकी दो साल पहले हार्ट अटैक से मौत हो चुकी है. ग्रामीणों ने पुलिस को प्रदर्शन के दौरान ही बताया था कि सुमित के पिता की दो साल पहले मौत हो चुकी है.

थाना पुलिस की कार्यशैली की होगी जांच

सीओ दौराला पंकज कुमार ने बताया कि मृतक के पिता की दो साल पहले मौत की जानकारी पुलिस को पहले से थी. मगर उसके बाबजूद अगर तंग करने के मकसद से पुलिस ने केस दर्ज किया है तो विभागीय जांच के बाद दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की जायेगी. इस तरह की लापरवाही पुलिस की कार्यशैली का हिस्सा नहीं है.