इलाहाबाद : नोएडा ज़मीन आवंटन घोटाले में करोड़ों की काली कमाई के आरोपी यादव सिंह के चार्टर्ड एकाउंटेंट मोहन लाल राठी को इलाहाबाद हाईकोर्ट से फौरी तौर पर राहत मिल गई है. हाईकोर्ट ने यादव सिंह के साथ सह अभियुक्त बनाए गए मोहन राठी को गवाह बनाकर उनके साथ नरमी बरते जाने के मामले में सीबीआई कोर्ट के फैसले को सही नहीं मानते हुए उसे रद्द कर दिया है और अदालत से नये सिरे से सुनवाई कर उस पर फिर से फैसला लेने को कहा है.
मोहन राठी मामले में दोबारा सुनवाई के दिए थे आदेश जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस डीके सिंह की डिवीजन बेंच ने इस मामले में दाखिल की गई मोहन राठी की अर्जी को मंजूर कर लिया है और सीबीआई कोर्ट को आदेश दिया है कि वह उनके मामले में दोबारा सुनवाई कर नए सिरे से फैसला लें. अदालत ने टिप्पणी करते हुए सीबीआई कोर्ट के फैसले को भी गलत माना है.
हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को सही नहीं माना
सीबीआई कोर्ट ने राठी को गवाह के रूप में पेश करते हुए माफी देने की अर्जी को खारिज कर दिया था, जिसे इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गयी थी. कोर्ट ने सीबीआई कोर्ट के आदेश को रद्द कर दिया है और मामले को वापस भेजते हुए फिर से निर्णय लेने को कहा है. कोर्ट ने इस मामले पर लम्बी बहस के बाद पिछले दिनों निर्णय सुरक्षित कर लिया था. कोर्ट ने सह अभियुक्त को गवाह बनाने में छूट देने के मामले में नियमानुसार निर्णय लेने को कहा है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने सीबीआई कोर्ट के फैसले को सही नहीं माना है.
गौरतलब है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पिछले हफ्ते ही यादव सिंह के बेटे सनी, बेटियों गरिमा भूषण और करुणा सिंह की अंतरिम जमानत मंजूर करते हुए उन्हें रिहा किये जाने के आदेश दिए थे. उनकी नियमित जमानत पर अदालत 21 मई को सुनवाई करेगी. इन दो मामलों से यादव सिंह के लिए भी रास्ते खुलने शुरू हो गए हैं.