भोपाल में ये मामला चार दिन पहले सामने आया था जब कांग्रेस ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले का खुलासा किया. कांग्रेस ने कहा था कि भोपाल के हॉस्टल में रहने वाली धार की बालिका से साथ बलात्कार हुआ था, जिसकी रिपोर्ट इंदौर में दर्ज की गई है. मामले को लेकर भोपाल पुलिस ने आरोपी अश्विनी शर्मा को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया था. जिसके बाद कोर्ट ने उसे रिमांड पर भेज दिया.
मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत इसमें एसआईटी गठित कर मामले की जांच करना शुरू कर दिया है, जिसके बाद जांच में कई गड़बड़ियां सामने आईं. मूक बधिर बालिकाओं के साथ संचालक अश्विनी अक्सर छेड़छाड़ करता था और उनको अश्लील फिल्में दिखाने के बाद बलात्कार करता था. फिलहाल आरोपी पर बलात्कार के साथ अप्राकृतिक कृत्य करने का भी मामला दर्ज करने के साथ कुल तीन मामले दर्ज किए हैं और पुलिस उसे लेकर धार जा रही है जहां बालिकाओं से उसकी पहचान कराई जाएगी.
जांच में यह भी पता चला है कि सामाजिक न्याय विभाग से आरोपी की संस्था कृतार्थ को साढ़े पांच लाख रुपए का अनुदान मिला है. लेकिन ये अनुदान छात्रों के नाम पर मिला था जबकि वहां छात्राएं रहती थीं, जिस पर कभी भी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया. अब प्रशासन ने ऐसे हॉस्टल चलाने वाले एनजीओ के साथ बैठक कर ऐसी अनियमितताएं रोकने की हिदायत दी है.
हॉस्टल में ऐसी शर्मनाक घटनाएं सामने आने पर शासन और प्रशासन दोनों की ही बुरी तरह किरकिरी हो गई है. इसलिए अब इस मामले की जांच बेहद गंभीरता से की जा रही है