इलाहाबाद: नए साल के पहले दिन भी कड़कड़ाती ठंड में ठिठुर रहे हैं संगम नगरी इलाहाबाद के लोग. यहाँ आज भी कड़ाके की ठंड पड़ रही है और बर्फीली हवाएं लोगों को घरों में कैद रहने को मजबूर किये हुए हैं. सुबह आठ बजे से हो रही हल्की बूंदाबांदी ने मौसम के मिजाज को और बिगाड़ दिया है. हालांकि आज कोहरा कुछ कम है, लेकिन शहर से लेकर माघ मेला क्षेत्र तक कहीं भी अलाव व दूसरे सरकारी इंतजाम नजर नहीं आ रहे हैं. सर्दी के सितम के चलते इलाहाबाद में बारहवीं क्लास तक के सभी स्कूल चार जनवरी तक बंद कर दिए गए हैं.
लोगों की प्लानिंग पर मौसम के बिगड़े हुए मिजाज ने फेर दिया पानी
नये साल पर घर से बाहर निकलकर पिकनिक और सैर- एसपीटे की इलाहाबाद के लोगों की प्लानिंग पर मौसम के बिगड़े हुए मिजाज ने पानी फेर दिया है. नये साल की पहली सुबह को कुछ देर के लिए तो मौसम खुशगवार था. तय वक्त पर सूरज ने भी कुछ देर के लिए अपनी लालिमा बिखेरी, लेकिन उसके बाद आसमान काले घने बादलों से ढक गया और रिमझिम फुहारें पड़ने लगीं.
इलाहाबाद में अब भी हल्की बूंदा-बांदी हो रही है और बर्फीली हवाएं कहर बरपा रही हैं. मौसम के इस बदले हुए मिजाज के चलते सड़कों पर सन्नाटा पसरा हुआ है और लोग घरों में ही कैद रहने को मजबूर हैं. यहाँ दोपहर तक तापमान सामान्य से काफी नीचे बना हुआ है. मौसम की इस बेईमानी ने इलाहाबाद के जन-जीवन को पूरी तरह बेहाल कर दिया है. हालांकि आज कोहरे से कुछ राहत ज़रूर है, लेकिन धुंध के चलते ट्रेनें आज भी बीस घंटे तक की देरी से ही चल रही हैं.
संगम आने वाले श्रद्धालुओं को सबसे ज़्यादा दिक्कत
ठंड की वजह से बारहवीं क्लास तक के सभी स्कूल-कॉलेज चार जनवरी तक बंद रखे जाने के आदेश जारी किये गए हैं. शहर से लेकर संगम पर शुरू हो रहे आस्था के माघ मेले में आज भी न तो कहीं सरकारी अलाव जल रहे हैं और न ही गरीबों को ठंड से बचाने के कोई दूसरे इंतजाम नजर आ रहे हैं. सबसे ज़्यादा दिक्कत संगम आने वाले श्रद्धालुओं को हो रही है.
इलाहाबाद में पिछले दस दिनों से कड़ाके की ठंड पड़ रही है. इन दिनों यहाँ रात और दिन के तापमान में ज्यादा फर्क नहीं रह गया है. सर्दी का यह सितम इलाहाबाद के लोगों की ज़िंदगी और सेहत पर भारी पड़ रहा है. गैर सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ पिछले पंद्रह दिनों में यहाँ कोल्ड स्ट्रोक की चपेट में आने से आधा दर्जन लोगों की मौत हो गई है, जबकि दो हजार से ज्यादा लोग बीमार होकर अलग- अलग अस्पतालों में अपना इलाज करा रहे हैं.
नए साल के पहले सूरज के दीदार को संगम पर उमड़ी भारी भीड़
संगम नगरी इलाहाबाद में नये साल का पहला सूरज हल्की धुंध-बूंदाबांदी और बर्फीली हवाओं के बीच निकला है. नये साल के पहले सूरज की पहली किरण का दीदार करने के लिए इलाहाबाद में गंगा-यमुना और अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी पर भोर से ही तमाम लोग मौजूद थे. सुबह साढ़े 6 बजे तक आसमान में बादल छाये हुए थे और फिजाओं में कोहरे ने हल्की धुंध फैला रखी थी. इस दौरान बर्फीली हवाएं सितम ढा रही थीं.
इन सबके बावजूद नये साल का पहला सूरज अपनी पूरी लालिमा बिखेरते हुए तय वक्त सुबह के छः बजकर पचपन मिनट पर नज़र आने लगा. करीब दस से बारह मिनट तक अपनी लालिमा बिखेरने के बाद सूरज फिर से बादलों की ओट में छिप गया. इस मौके पर संगम पर मौजूद तमाम श्रद्धालुओं ने वैदिक मन्त्रों का पाठ करते हुए दीप जलाकर आध्यात्मिक अंदाज में नये साल का स्वागत किया और मंगलकामना के लिए उगते हुए सूर्य को अर्ध्य देकर उसकी आरती भी की.
पिछले कई दिनों के मुकाबले मौसम आज थोड़ा साफ़ होने से लोगों को पहले सूरज का दीदार करने में कोई ख़ास दिक्कत नहीं हुई. नया साल शुभ होने की कामना के लिए तमाम लोगों ने संगम पर सूर्योदय का नज़ारा देखने के साथ ही गंगा में आस्था की डुबकी भी लगाई और ईश्वर से साल 2017 में सबको खुशियों से सराबोर कर देने की प्रार्थना की.
संगम पर नये साल के पहले सूरज का दीदार करने के बाद कुछ लोगों ने मंदिरों में जाकर देवी- देवताओं के दर्शन किये और उनसे पूरा साल बेहतर बीतने का आशीर्वाद मांगा. इस दौरान संगम पर उगते हुए सूरज की छटा देखते ही बन रही थी.