लखनऊ: योगी आदित्यनाथ के शपथ ग्रहण समारोह में हुए भारी खर्च की जांच शुरू हो गयी है. लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी ने कार्यक्रम पर एक करोड़ 83 लाख खर्च कर दिए थे. सूत्रों के मुताबिक इस खर्च के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण के एक पूर्व अधिकारी शक के घेरे में हैं.

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योगी आदित्यनाथ ने इसी साल 19 मार्च को लखनऊ के स्मृति उपवन में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. चौदह साल बाद यूपी की सत्ता में बीजेपी की शानदार वापसी के इस कार्यक्रम में पीएम नरेंद्र मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और लालकृष्ण आडवाणी समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेता मौजूद थे.

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योगी आदित्यनाथ के इस भव्य शपथ ग्रहण समारोह पर एक करोड़ तिरासी लाख रुपये खर्च हुए थे. ये रकम मंच से लेकर टेंट, ऑडियो सिस्टम और खान पान पर खर्च हुई थी. इसके मुकाबले पांच साल पहले 15 मार्च 2012 को अखिलेश यादव के शपथ ग्रहण समारोह में सिर्फ नब्बे लाख रुपये खर्च हुए थे. ये रकम योगी के शपथ ग्रहण समारोह के मुकाबले आधी ही है.

शायद यही वजह है कि योगी के शपथ ग्रहण समारोह का एक करोड़ 83 लाख का बिल जब लखनऊ डेवलपमेंट अथॉरिटी ने सचिवालय को भेजा तो उसकी जांच के आदेश दे दिए गए. सूत्रों के मुताबिक, इस खर्च को लेकर एलडीए के तत्कालीन उपाध्यक्ष सत्येंद्रवीर सिंह पर गड़बड़ी करने का शक है. हालांकि इस मामले का पूरा सच तो जांच के बाद ही सामने आएगा.