वाराणसी: वाराणसी के कोतवाली में शुक्रवार को उस वक्त हड़कंप मच गया जब थाने के मालखाने में रखे 14 लाख 60 हजार रुपये गायब होने का मामला सामने आया. कोर्ट के आदेश के बाद इस सिलसिले में तत्कालीन दरोगा सहित तीन पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी गयी है.
अमानत में ख़यानत का मुकदमा
कोर्ट ने वाराणसी के एसएसपी नितिन तिवारी को कार्यवाही का आदेश दिया. कोर्ट के आदेश पर कार्यवाही करते हुए वाराणसी के एसएसपी नितिन तिवारी ने कोतवाली प्रभारी को मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया. एसएसपी के आदेश पर तत्कालीन हेड मुहर्रिर मानजीत प्रसाद, लेखक कास्टेबल मुंशी अनुपम तिवारी और तात्कालिक उप निरीक्षक तेजबहादुर सिंह के खिलाफ़ कोतवाली में आईपीसी 246/16 की धारा 409 के तहत अमानत में ख़यानत का मुकदमा दर्ज किया गया है. इस केस में एसएसपी नितिन तिवारी ने हेड मुहर्रिर को निलंबित कर दिया है. एसएसपी नितिन तिवारी ने इस मामले में आरोपी लेखक कॉन्स्टेबल मुंशी अनुपम तिवारी और तात्कालिक उप निरीक्षक तेजबहादुर सिंह के गैर जनपद होने के कारण कोई कार्यवाही नहीं की है. इस पुरे मामले की जाँच राजपत्रित अधिकारी से करवाई जा रही है. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक नितिन तिवारी ने शनिवार को बताया कि कोतवाली थाना प्रभारी की तहरीर पर कोतवाली थाने के तत्कालीन दरोगा तेज बहादुर सिंह, हेड मोहर्रिर मानजीत प्रसाद यादव एवं कांस्टेबल अनुपम तिवारी के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया गया है. मामले की जांच किसी राजपत्रित अधिकारी से करायी जाएगी.
कराया जा रहा था पुराने 500 और एक हजार के नोटों का मिलान आपको बता दें कि नोटबंदी की घोषणा के बाद थानों के मालखानों में रखे 500 और एक हजार के पुराने नोटों का निस्तारण न्यायालय की अनुमति से किया जा रहा है. इसी क्रम में क्षेत्राधिकारी कोतवाली के निर्देश पर सर्कल के कोतवाली, आदमपुर व रामनगर थानों के मालखानों में रखे पुराने 500 और एक हजार के नोटों का मिलान कराया जा रहा था, ताकि न्यायालय का आदेश लेकर उन नोटों को 30 दिसंबर से पूर्व राजकोष में जमा कराया जा सके.
आपको बता दें कि ये पूरा मामला पांच जून 2013 का है. जब वाराणसी की कोतवाली पुलिस ने अपने थाना क्षेत्र से महेंद्र सिंह नामक एक व्यक्ति को जुआ और जालसाजी एक्ट में गिरफ्तार किया और उसके पास से 14.60 लाख रुपये बरामद करके माल खाने में जमा किया था.
मालखाने में कोई रुपया है ही नहीं
नोटबंदी के बाद सभी अपने पुराने नोट बैंको में जमा करवा रहे है. ऐसे में पांच जून 2013 को गिरफ्तार महेंद्र सिंह ने भी अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत में प्रार्थना पत्र देकर कोतवाली के मालखाने में जमा अपने 14.60 लाख रुपयों को बदलवाने के लिए निवेदन किया. कोर्ट ने प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए कोतवाली प्रभारी से आख्या तलब किया. अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वितीय की अदालत से आख्या मांगे जाने के बाद कोतवाली में हडकंप मच गया. छानबीन के बाद पता चला कि मालखाने में कोई रुपया है ही नहीं.