इलाहाबाद: मथुरा के जवाहरबाग में पिछले साल हुई हिंसा में शहीद हुए एसपी सिटी मुकुल द्विवेदी के परिवार वालों ने अखिलेश सरकार द्वारा कराई गई जांच पर नाखुशी जताते इस मामले में सीबीआई जांच की मांग के लिए अब अदालत का दरवाजा खटखटाया है.



यूपी पुलिस की जांच से इंसाफ मिलने की उम्मीद नहीं


शहीद मुकुल द्विवेदी की पत्नी अर्चना द्विवेदी ने मामले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है. अर्जी में साफ तौर पर कहा गया है कि मामले में कई सफेदपोशों व रसूखदार लोगों के नाम सामने आए हैं, इसलिए यूपी पुलिस की जांच से उन्हें इंसाफ मिलने की कोई उम्मीद नहीं है, लिहाज अदालत सीबीआई जांच के आदेश दे.


अर्जी के ज़रिये अर्चना द्विवेदी ने यह भी आशंका जताई है कि उनके पति को साजिशन क़त्ल कराया गया है, क्योंकि जवाहरबाग को पहले तीन जून को खाली कराया जाना था, लेकिन बाद में अचानक दो जून की शाम को खाली कराने का आदेश हुआ.


एसपी सिटी रहे मुकुल द्विवेदी की मौत मुठभेड़ में नहीं


अर्चना द्विवेदी की तरफ से यह भी आरोप लगाया गया है कि जवाहरबाग भेजे जाने के दौरान उनके पति मुकुल द्विवेदी व साथ जाने वाले दूसरे पुलिस वालों को भी हथियारों के बिना ही जाने को कहा गया था. अर्जी के ज़रिये आशंका जताई गई है कि एसपी सिटी रहे मुकुल द्विवेदी की मौत मुठभेड़ में नहीं हुई बल्कि साजिश के तहत उनका क़त्ल कराया गया है, ऐसे में सीबीआई जांच से ही इस मामले का सच सामने आ सकेगा.


चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने अर्चना द्विवेदी की अर्जी को इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग को लेकर पहले से दाखिल अर्जियों के साथ जोड़ दिया है और यूपी सरकार से पूछा है कि क्यों न इस मामले की दोबारा जांच कराई जाए और इस बार जांच सीबीआई से कराई जाए.


छह फरवरी को फिर से सुनवाई करेगी अदालत


अदालत ने यूपी सरकार से यह भी बताने को कहा है कि क्या नामजद आरोपियों के अलावा बाकी किसी आरोपी के खिलाफ भी ऐसे पुख्ता सबूत हैं, जिनके आधार पर उन्हें सजा दिलाई जा सके. अदालत इस मामले में छह फरवरी को फिर से सुनवाई करेगी.


यूपी सरकार ने अदालत में चुनाव का हवाला देकर इस मामले की सुनवाई चुनाव तक टाले जाने के लिए आज फिर से अपील की, लेकिन अदालत ने उसकी अपील को दोबारा ठुकरा दिया और मामले की सुनवाई छह फरवरी को करने के आदेश दिए.