बांदा: उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सरहद से लगे चित्रकूट के पाठा जंगलों में आतंक का पर्याय रहे छह लाख रुपये के इनामी डकैत बबली कोल और डेढ़ लाख रुपये के इनामी लवलेश कोल को किसने 'ठिकाने' लगाया, यह सवाल मप्र पुलिस, उत्तर प्रदेश पुलिस के बीच उलझा हुआ था, लेकिन अब एक अन्य डकैत सोहन कोल के बयान से इस मामले की धुंधली तस्वीर थोड़ी साफ दिखने लगी है. मध्यप्रदेश पुलिस ने दोनों डकैतों को 'साहसिक' मुठभेड़ में मार गिराने का दावा किया था.

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा गिरफ्तार एक लाख रुपये के इनामी डकैत सोहन कोल ने मीडिया को बताया है कि उसने "पहले लवलेश कोल, फिर बबुली को गोली मार दी. मध्य प्रदेश पुलिस झूठ बोल रही है."

उल्लेखनीय है कि सोहन कोल बबुली कोल गिरोह का ही सदस्य है, और फिलहाल वह यूपी पुलिस की गिरफ्त में है.

उत्तर प्रदेश पुलिस के बड़े अफसर भी सोहन के दावे का न तो खंडन कर रहे हैं और न ही खुलकर उसका समर्थन कर रहे हैं. बल्कि वे मामले की जांच करने की बात कर रहे हैं.

चित्रकूट धाम परिक्षेत्र के डीआईजी दीपक कुमार कहते हैं, "मध्यप्रदेश पुलिस के दावे पर हम कुछ नहीं कह रहे हैं. हम सिर्फ इतना बता रहे हैं कि हमने बबुली कोल गैंग की मारक क्षमता को नष्ट किया है. उनके हथियारों (जिनमें थर्टी स्प्रिंगफील्ड अमेरिकन सहित 3 राइफल और 100 से अधिक कारतूस) को हमने बरामद कर लिए हैं. हमने दिखाया है कि ये वही परंपरागत हथियार हैं, जो यहां सक्रिय रहे डकैत ददुआ, ठोकिया, बलखड़िया के पास से होते हुए बबली गैंग के पास पहुंचे थे और ये हथियार जिसके पास होते थे उसे ही नए गैंग का सरगना माना जाता था. जहां तक सोहन कोल के बयान की बात है तो हम उसकी बताई बात की जांच कर रहे हैं."

लेकिन यहीं पर डकैती रोधी अभियान से जुड़े यूपी एसटीएफ के एक अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया, "हमने अपनी 'रणनीति' के तहत बबली और लवलेश कोल को मार गिराया था. लेकिन ऑपरेशन के अंतिम क्षणों में रणनीति के मुख्य किरदार से हमारा संपर्क 'टूट' गया. घने जंगलों में हमें शव ढूंढ़ने में काफी देरी हुई और इसी बीच मध्यप्रदेश पुलिस अपने दावे के साथ सामने आ गई थी. जबकि इससे पहले मप्र पुलिस ने उप्र पुलिस को सफल ऑपरेशन की बधाई दे दी थी."

इस अधिकारी के बयान से साफ होता है कि सोहन कोल का बयान सही है, और यूपी पुलिस ने सोहन कोल के जरिए बबली और लवलेश का खात्मा किया.

प्रयागराज जोन के एडीजी सुजीत पांडेय कहते हैं, "हमने बबुली कोल गैंग के एक लाख रुपये के इनामी डकैत सोहन कोल को इस क्षेत्र में सक्रिय रहे गैंगों के प्रमुख हथियारों के साथ पकड़ लिया है. हम अपने ऑपरेशन को रिव्यु कर रहे हैं, ताकि फिर कोई नया गैंग न खड़ा हो पाए. क्योंकि इस इलाके का इतिहास रहा है कि जब भी कोई डाकू मारा जाता है, बचे हुए सदस्य नया गैंग बना लेते हैं. हम चाहते हैं कि दो बचे डकैतों का भी जल्द सफाया हो जाए."

बबुली कोल को किसने मारा के सवाल पर एडीजी ने कहा, "सोहन कोल क्या कह रहा है, यह आप भी जानते हैं और मैं भी जानता हूं. लेकिन मैं उस पर कुछ नहीं कहूंगा. हां, उसके बयान की हम जांच जरूर करेंगे."

पाठा क्षेत्र के जानकार बताते हैं कि उप्र एसटीएफ की रणनीति हमेशा कांटे से कांटा निकालने की रही है. लेकिन इस बार यह कांटा उसके गले मे ऐसा फंसा, जिसे उप्र पुलिस न निगल पा रही है न उगल पा रही है.

गौरतलब है कि मध्य प्रदेश पुलिस ने डकैत बबुली कोल और लवलेश कोल को पिछले रविवार (15 सितंबर) की रात धारकुंडी के जंगल में मुठभेड़ के दौरान मार गिराने का दावा किया था.

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