इटावा: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व सांसद और रामजन्मभूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष राम विलास वेदांती ने बुधवार को कहा कि अयोध्या में राम मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट एक हंस तरह ही अपना फैसला सुनाने वाला है. वेदांती ने उम्मीद जताई कि 17 नवंबर तक सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर का निर्णय आ जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट में आस्था रखते हैं. जो भी निर्णय आएगा उसका सम्मान होगा.


हिन्दू सेवा समिति के श्रीराम की प्रतिमा स्थापना समारोह में यहां हिस्सा लेने पहुंचे वेदांती ने कहा कि "हिंदू सुप्रीम कोर्ट में आस्था रखते हैं. इसीलिए जिस तरह हंस चुनकर निर्णय करता है, उसी तरह सुप्रीम कोर्ट भी दूध का दूध करके फैसला सुनाने वाला है."


वेदांती ने कहा, "आज भी देश का 80 फीसदी मुसलमान अयोध्या में राम मंदिर बनाने के पक्ष में है. कई लोग अयोध्या में राममंदिर बनाने के लिए सामान लेकर गए थे, उनसे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का इंतजार करने को कहा गया है."


वेदांती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जजों के हाथ में रिपोर्ट पहुंच चुकी है, और सुप्रीम कोर्ट 17 नवम्बर से पहले राम मंदिर पर फैसला सुना सकती है. उन्होंने कहा कि इटावा में श्रीराम की मूर्ति की स्थापना हो रही है, और इसके बाद अयोध्या में श्रीराम की मूर्ति की स्थापना होगी.


भगवान राम से की मोदी-अमित शाह की तुलना


वेदांती ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तुलान भगवान राम से की. उन्होंने कहा कि दोनों लोगों ने जम्मू-कश्मीर पर उसी तरह विजय प्राप्त की है, जिस तरह त्रेता युग मे भगवान राम ने लंका पर विजय प्राप्त की थी.


बीजेपी के सांसद रह चुके हैं वेदांती


बता दें कि वेदांती उत्तर प्रदेश के इटावा में विजयादशमी के मौके पर हिंदू सेवासमिति की रामविजय यात्रा में शामिल हुए थे. इस दौरान माइक संभालते ही उन्होंने मुस्लिम धर्म को निशाने पर ले लिया और जनसंख्या की समस्या को इस्लाम और आतंकवाद से जोड़ दिया. रामविलास वेदांती बीजेपी से भी जुड़े हैं. बीजेपी के सांसद रह चुके हैं.


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