अमेठी: कांग्रेस के साथ गठजोड़ में अमेठी विधानसभा सीट भले ही एसपी के खाते में चली गयी हो लेकिन कांग्रेस के पूर्व कांग्रेस विधायक तथा वरिष्ठ नेता संजय सिंह की पत्नी अमिता सिंह ने आज कहा कि वह निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लडेंगी.
अमिता ने कहा, ‘‘अमेठी मेरा परिवार और घर है और मैं इसे छोड़ नहीं सकती. मैं यहां से चुनाव लडूंगी.’’ उन्होंने कहा कि वह मतदाताओं के बीच लंबे समय से कडी मेहनत कर रही हैं. ‘‘मैंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से बात की है और उन्हें जमीनी हकीकत बता दी है और उनसे आग्रह किया है कि वे कुछ करें क्योंकि यह सीट पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी के संसदीय क्षेत्र में पडती है.’’ कांग्रेस के साथ गठजोड के तहत एसपी इस सीट से वर्तमान विधायक गायत्री प्रजापति को चुनाव लडा रही है.
लखनउ कैण्ट सीट: दो महिला प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला तय
उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनउ की कैण्ट विधानसभा सीट पर सबकी निगाहें लगी हैं. यहां दो कद्दावर महिला उम्मीदवारों के बीच सीधे मुकाबला तय माना जा रहा है. एक ओर कांग्रेस छोडकर बीजेपी में आयी वर्तमान विधायक रीता बहुगुणा जोशी हैं तो दूसरी ओर उनके सामने एसपी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव हैं, जो चुनावी पारी शुरू करने जा रही हैं.
रीता कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री हेमवती नंदन बहुगुणा की बेटी है. वह सीट पर कब्जा बरकरार रखने के लिए चुनाव मैदान में उतरेंगी. दूसरी ओर राजनीतिक रूप से हाल के दिनों में सुखिर्यां बनी समाजवादी पार्टी ने अपर्णा को प्रत्याशी बनाया है.
कांग्रेस के टिकट से यहां जीत चुकी हैं रीता बहुगुणा जोशी
अपर्णा के लिए कैण्ट सीट आसान नहीं होगी क्योंकि 2012 के चुनाव में रीता कांग्रेस के टिकट से यहां जीत चुकी हैं. पूर्व में बीजेपी के सुरेश तिवारी भी यहां से विधायक रहे हैं. अपर्णा को उम्मीदवार बनाने का ऐलान काफी पहले हो चुका था लेकिन एसपी में अंतर्कलह और घमासान के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पार्टी का नया अध्यक्ष बनने पर अपर्णा की सीट को लेकर अनिश्चितता बनी हुई थी.
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अब एसपी ने अपर्णा को टिकट दे दिया है तो निश्चित तौर पर साबित होता है कि पार्टी नेतृत्व को अपर्णा में विश्वास है. मुलायम ने जिन लोगों की सूची प्रत्याशी बनाने के मकसद से अखिलेश को सौंपी थी, उसमें अपर्णा का नाम था.