नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में अपराध, महिलाओं के खिलाफ हिंसा में भारी वृद्धि होने का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने आज कहा कि राज्य में एसपी के संरक्षण में अपराध और बीएसपी के संरक्षण में भ्रष्टाचार फलता फूलता है जिसे कांग्रेस मौन समर्थन दे रही है.. ऐसे में बीजेपी ही भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त शासन दे सकती है और चुनाव के बाद सत्ता में आने पर अपराधियों को जेल भेजेगी.

बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव और प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि उत्तरप्रदेश में अपराध के लगातार बढ़ते मामले शर्मनाक हैं. इस श्रृंखला में एसपी के एक विधायक के खिलाफ बलात्कार और फिर हत्या के आरोप लगे हैं. यह उत्तर प्रदेश की कानून एवं व्यवस्था तथा अखिलेश यादव सरकार पर सवालिया निशान लगाता है.

उन्होंने आरोप लगाया कि अखिलेश और राहुल ने एक ऐसा गठबंधन बनाया है जिसके संरक्षण में अपराध और अपराधी फलते फूलते हैं. बीएसपी प्रमुख मायावती ने इस घटना पर चुप्पी साध रखी है. इस सबके बीच उन लोगों की चुप्पी भी खतरनाक है जो असहिष्णुता की राजनीति करते हैं. इनसे अपराध और भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की उम्मीद ही नहीं की जा सकती है.

बीजेपी नेता ने कहा कि चुनाव के बाद सत्ता में आने पर बीजेपी ऐसे अपराधियों, दरिंदों और अपराधियों को संरक्षण देने वालों को जेल भेजेगी. उल्लेखनीय है कि वर्ष 2013 में समाजवादी विधायक अरण वर्मा के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाने वाली 22 साल की युवती का जयसिंहपुर में उसके घर के पास शव बरामद हुआ है. वह शनिवार से लापता थी.

श्रीकांत शर्मा ने दावा किया कि उत्तरप्रदेश में पूरी तरह से परिवर्तन की सुनामी है और जनता विकास , सुशासन और सुरक्षा प्रदान करने में सक्षम बीजेपी को जनादेश देने मन बना चुकी है. उन्होंने कहा कि राज्य में एसपी के संरक्षण में अपराध और बीएसपी के संरक्षण में भ्रष्टाचार फलता फूलता है जिसे कांग्रेस मौन समर्थन दे रही है.. ऐसे में बीजेपी ही भ्रष्टाचार और अपराध मुक्त शासन दे सकती है.

उन्होंने कहा कि 2012 के बाद बहन मायावती को जनता ने खारिज कर दिया था क्योंकि उनके नेतृत्व वाली सरकार भ्रष्टाचार, घोटालों से बदनाम हो गई थी और बीएसपी शासन के दौरान 30 हजार से अधिक दलितों के उत्पीड़न के मामले और दलितों की हत्याओं के मामले सामने आए थे.

शर्मा ने कहा कि यह दुर्भाग्य की बात है कि अखिलेश यादव अपनी बुआ मायावती की विरासत को ही आगे बढ़ा रहे हैं जबकि उनसे जनता ने अपेक्षा की थी कि वे अच्छा काम करेंगे. उत्तरप्रदेश में विकास के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के दावे को सिरे से खारिज करते हुए बीजेपी नेता ने कहा कि अखिलेश के विकास की पोल तो राज्य में चिकनगुनिया के फैलने पर इलाहाबाद उच्च न्यायालय की राज्य सरकार पर टिप्पणी से खुल जाती है. गांव के स्कूलों में बच्चों को ब्लैकबोर्ड और टाटपट्टी तक नहीं उपलब्ध करा पाने पर भी अदालत ने राज्य सरकार के खिलाफ टिप्पणी की थी.

श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘ अखिलेश यादव सरकार के विकास के दावे ‘हवा हवाई’ हैं जो केवल टीवी के विज्ञापनों में ही दिखते हैं जबकि इसकी जमीनी हकीकत अदालत की टिप्पणियों से ही स्पष्ट हो जाती है.’’ उन्होंने कहा कि उत्तरप्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा कानून एवं व्यवस्था का है. अखिलेश यादव राज्य के मुख्यमंत्री के साथ प्रदेश के गृह मंत्री भी हैं और इसलिए वे अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते हैं. क्योंकि आज बहन बेटियां स्कूल जाने से डर रही है, प्रदेश में जवाहर बाग और बुलंदशहर जैसी घटनाएं घट रही है. राज्य में खनन माफिया, भू माफिया को सत्ता का संरक्षण प्राप्त है.

भजपा नेता ने आरोप लगाया कि पुलिस का इस्तेमाल अपराधियों को बचाने एवं साक्ष्य को मिटाने के लिए किया जा रहा है. चुनाव के सत्ता में आने पर बीजेपी कानून एवं व्यवस्था को दुरूस्त करेगी.

शर्मा ने आरोप लगाया कि केंद्र की योजनाएं नीचे तक नहीं पहुंच रही हैं और इसका उदाहरण प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना है जिसके लिए राज्य सरकार अभी तक एजेंसी तक तय नहीं कर पायी है. यह संवेदनहीनता का उदाहरण है.

एसपी विधायक के खिलाफ बलात्कार का आरोप लगाने युवती का मिला शव

साल 2013 में समाजवादी विधायक के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाने वाली 22 साल की युवती का उसके घर के पास शव बरामद हुआ है. वह शनिवार से लापता थी. पुलिस ने बताया है कि शनिवार से गायब 22 वर्षीय युवती का शव कल जयसिंहपुर में एक प्राथमिक विद्यालय के पास पाया गया है और इस मामले में प्राथमिकी दर्ज करके जांच शुरू कर दी गयी है.

पुलिस के मुताबिक शव के गले पर जख्म के निशान को देखने से लगता है कि युवती की गला घोंटकर हत्या की गयी है. बहरहाल मौत के कारण का पता लगाने के लिए शव का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है.

गौरतलब है कि हत्या का शिकार हुई युवती ने 2013 में एसपी विधायक और मौजूदा उम्मीदवार अरण वर्मा एवं अन्य के खिलाफ सामूहिक बलात्कार का आरोप लगाया था, मगर बाद में उसने अपना आरोप वापस ले लिया और पुलिस ने जांच के बाद कुछ स्थानीय युवकों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था और मामला फिलहाल अदालत में विचाराधीन है.