इलाहाबाद: माफिया डॉन के तौर पर बदनाम समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता अतीक अहमद पर गिरफ्तारी की तलवार लटकने लगी है. दो महीने पहले इलाहाबाद की शियाट्स एग्रीकल्चर डीम्ड युनिवर्सिटी में नामजद एफआईआर होने के बावजूद अभी तक अतीक को गिरफ्तार नहीं किये जाने पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गहरी नाराज़गी जताई है और केस के इंवेस्टिगेटिंग आफिसर को कोर्ट में बुलाकर उन्हें कड़ी फटकार लगाई है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने इलाहाबाद के एसपी को अतीक अहमद के खिलाफ अड़तालीस घंटे में ज़रूरी कार्रवाई करते हुए दस फरवरी को कोर्ट में व्यक्तिगत तौर पर मौजूद होकर केस की प्रोग्रेस रिपोर्ट पेश करने को कहा है.
शिकायतकर्ता को मिल रही हैं धमकियां
अदालत ने एसपी से यह बताने को भी कहा है कि अतीक और उनके समर्थकों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज होने के बावजूद करीब दो महीने बाद भी आखिरकार किसी की गिरफ्तारी क्यों नहीं की गई. चीफ जस्टिस डीबी भोंसले की अगुवाई वाली डिवीजन बेंच ने इलाहाबाद पुलिस को अतीक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराने वाले शियाट्स डीम्ड युनिवर्सिटी के प्राक्टर व केस के गवाहों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने को भी कहा है. अदालत ने इस मामले में यूपी पुलिस के रवैये पर तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा है कि उसके ठीक से काम न करने की वजह से ही शिकायतकर्ता को धमकियां मिल रही हैं और उसे अपनी जान बचाने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा है. हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच इस मामले में दस फरवरी को दोपहर में फिर से सुनवाई करेगी.
कई गंभीर धाराओं में दर्ज कराया था केस
गौरतलब है कि समाजवादी पार्टी के बाहुबली नेता और पूर्व सांसद अतीक अहमद और उनके गुर्गों ने नक़ल के मामले में बर्खास्त किये गए दो छात्रों को बहाल किये जाने का दबाव बनाने के लिए इलाहाबाद की शियाट्स एग्रीकल्चर डीम्ड युनिवर्सिटी में पिछले साल चौदह दिसंबर को धावा बोलकर वहाँ के टीचर्स व प्रशासनिक अफसरों के साथ मारपीट की थी और सरेआम हथियारों का प्रदर्शन किया था. घटना की कुछ तस्वीरें कैम्पस में लगे सीसीटीवी कैमरे में भी कैद हो गई थीं. यूनिवर्सिटी प्रशासन की शिकायत पर इलाहाबाद पुलिस ने अतीक, उनके गुर्गों व बर्खास्त किये गए दोनों छात्रों के खिलाफ डकैती, बलवा करने व मारपीट समेत कई गंभीर धाराओं में केस दर्ज कराया था. वारदात के अगले दिन इसी मामले में अतीक का धमकी भरा एक आडियो भी सामने आया था जिसमे वह मुकदमा वापस लेने के लिए डीम्ड यूनिवर्सिटी के पीआरओ को धमका रहे थे.
केस वापस लेने के लिए लगातार धमकियां
इलाहाबाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करने के बाद नक़ल के आरोपी दोनों छात्रों को तो गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था, लेकिन अतीक अहमद व उनके किसी भी गुर्गे के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की. यहाँ तक कि बयान के लिए बुलाए जाने पर अतीक के न आने के बावजूद पुलिस ने मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया. इस दौरान शिकायतकर्ताओं व युनिवर्सिटी से जुड़े दूसरे लोगों को केस वापस लेने के लिए लगातार धमकियां मिलती रही हैं.
अतीक व उनके गुर्गों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं
शिकायतकर्ता प्रॉक्टर राम किशन सिंह ने लगातार मिल रही धमकियों के मद्देनजर अपने व परिवार की जानमाल की सुरक्षा की गुहार लगाते हुए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की और अपने व केस से जुड़े चश्मदीदों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये जाने की मांग की. उनकी अर्जी में आरोप लगाया गया कि सत्ताधारी समाजवादी पार्टी से जुड़े होने की वजह से पुलिस अतीक व उनके गुर्गों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर रही है. चीफ जस्टिस डीबी भोंसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच ने उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए पुलिस के रवैये पर गहरी नाराज़गी जताई और इन्वेस्टिगेशन आफिसर को कोर्ट में तलब कर उससे पूरी जानकारी ली. अदालत ने यूपी पुलिस को कड़ी फटकार लगाते हुए इस मामले में अड़तालीस घंटे में कड़ी कार्रवाई करते हुए एसपी ट्रांस यमुना को कोर्ट में पेश होकर स्टेटस रिपोर्ट पेश करने को कहा है.