लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने आज कहा कि पेराई सत्र 2016-17 के लिए बीते 14 जुलाई तक किसानों को उनके गन्ना बकाया का करीब 90 फीसदी का भुगतान किया जा चुका है. प्रदेश के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने विधानसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए सदन को बताया कि पेराई सत्र 2016-17 के तहत बीते 14 जुलाई तक कुल देय गन्ना मूल्य 25386.46 करोड़ रुपये के सापेक्ष 22807.53 करोड़ रुपये का भुगतान हो चुका है, जो कुल देय का 89.84 फीसदी है.

कांग्रेस विधानमण्डल दल के नेता अजय कुमार लल्लू ने प्रश्नकाल के दौरान यह मुद्दा उठाते हुए सरकार से किसानों के बकाया गन्ना मूल्य के भुगतान की स्थिति के बारे में जानना चाहा था. राणा ने बताया कि पिछले साल प्रदेश की चीनी मिलों की ओर से बीते 14 जुलाई तक कुल 14007.58 करोड़ रुपये (77.82 फीसदी) का गन्ना मूल्य भुगतान हुआ था, जबकि वर्तमान पेराई सत्र 2016-17 में अभी तक 22807.53 करोड रुपये (89.84 फीसदी) गन्ना मूल्य का भुगतान किसानों को किया जा चुका है, जो बीते साल से 8,799.95 करोड़ रुपये अधिक है.

गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि गन्ना मूल्य भुगतान में यह सुधार सरकार के विशेष प्रयासों की वजह से संभव हुआ है. बकाया गन्ना मूल्य के तुरंत भुगतान के लिए सभी बकायेदार चीनी मिलों को समय पर नोटिस जारी किया गया है. इसके बाद बीते 14 जुलाई को राज्य के गन्ना आयुक्त ने कम गन्ना मूल्य भुगतान करने वाली चीनी मिलों को कारण बताओ नोटिस जारी किया.

इस बारे में सम्बन्धित जिलाधिकारियों को भी निर्देश दिये गये हैं कि चीनी मिलों के गन्ना मूल्य के भुगतान की साप्ताहिक समीक्षा करें. राज्य सरकार गन्ना किसानों के गन्ना मूल्य का भुगतान कराने के लिये पूरी तरह से सजग और प्रयासरत है. राणा ने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर भरोसे की वजह से ही प्रदेश में गन्ने के रकबे में करीब दो लाख हेक्टेयर की बढ़ोत्तरी हुई है.

कांग्रेस नेता लल्लू ने यह भी पूछा कि क्या सरकार किसानों को 400 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से गन्ना मूल्य देने पर विचार करेगी. इस सवाल का संतोषजनक उत्तर नहीं मिलने पर कांग्रेस के सभी सदस्य सदन से वॉक-आउट कर गए.

बीएसपी सदस्य उमा शंकर सिंह की ओर से उठाए गए एक सवाल के जवाब में गन्ना मंत्री राणा ने आरोप लगाया कि बीएसपी की पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में 21 चीनी मिलों को बेहद सस्ते दामों पर बेच दिया गया था. इसे लेकर बीएसपी सदस्यों और गन्ना मंत्री के बीच तीखी बहस भी हुई. राणा ने कहा कि नियंत्रक एवं लेखा महापरीक्षक (सीएजी) ने भी इस गड़बड़ी को उजागर किया था. हम इस भ्रष्टाचार का संज्ञान लेंगे और किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा.