लखनऊ: अगर बेटा जिद करता है तो हालात जो भी हों पिता को साइकिल दिलवानी पड़ती है. कुछ इसी अंदाज में समाजवादी पार्टी के झगड़े का अंत हुआ. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि मुलायम सिंह यादव क्या करेंगे, बेटे अखिलेश को आशीर्वाद देंगे या फिर कोई नई शुरुआत करेंगे?
अखिलेश ने मुलायम से की मुलाकात
चुनाव आयोग में बड़ी जीत मिलने के बाद अखिलेश मुलायम से मुलाकात करने पहुंचे थे. खुद अखिलेश ने इस मुलाकात की एक तस्वीर ट्वीटर पर डाली है. इसी तस्वीर में दीवार पर साइकिल की वो तस्वीर भी है, जिस साइकिल के सफर की शुरुआत मुलायम सिंह यादव ने की थी, लेकिन वक्त बदल गया है और अब ये साइकिल अखिलेश की हो गई है.
मुलाकात के बाद अखिलेश ने ट्वीट किया, ‘’साइकिल चलती जाएगी, आगे बढ़ती जाएगी.’’
अब अगर अखिलेश के इस बयान को इशारा समझें तो फिलहाल ये अंदाजा लगाया जा सकता है कि अखिलेश को मुलायम का आशीर्वाद मिल गया है. वैसे भी मुलायम के पास ज्यादा विकल्प नहीं बचे हैं.
आपको बताते हैं कि आगे क्या क्या हो सकता है
- मुलायम मान सकते हैं और बेटे के लिए चुनाव प्रचार कर सकते हैं.
- मुलायम नहीं माने तो अपना उम्मीदवार चुनाव में उतार सकते हैं.
- एक संभावना ये भी है कि अखिलेश से गठबंधन कर मुलायम चुनाव मैदान में उतरें
- मार्गदर्शक की भूमिका अपना सकते हैं, जैसाकि वो पहले ही बयान दे चुके हैं
अब नजर इस बात पर है कि मुलायम क्या फैसला करते हैं. वैसे लालू यादव की सलाह है कि मुलायम वक्त को पहचानें और बेटे को आशीर्वाद दें. मुलायम जो भी फैसला करें लेकिन इतना साफ है कि पार्टी पर कब्जे की लड़ाई में बेटा उन पर भारी पड़ गया और उनके हाथ में ज्यादा कुछ बचा नहीं है.
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