वाराणसी: आज फाल्गुन मॉस की कृष्ण चतुर्दर्शी व्रत पर्व यानी महाशिवरात्रि है. आज का दिन द्वादश ज्योतिर्लिंगों में प्रमुख जगपालन कर्ता भगवान विश्वेश्वर का विशेष दिन है. महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर देवाधिदेव महादेव की नगरी काशी में शिव भक्तों के जयकारे गूंज रहे हैं. ऐसी मान्यता है कि काशी के कण-कण में भगवान शंकर का वास है. देश-दुनिया से भगवान बाबा श्री काशी विश्वनाथ के दर्शन को काशी आए भक्त शिव की भक्ति में सराबोर दिखे. आज ही के दिन नीलकंठ महादेव ने माता पार्वती संग ब्याह रचाया था. हर आयु वर्ग के लोगों के साथ दिव्यांग जन भी बाबा के दर्शन के लिए आये हैं.

द्वादश ज्योतिर्लिंगों में सबसे प्रमुख काशी विश्व नाथ मंदिर में यू तो पूरे साल भक्तों की भीड़ रहती है लेकिन महाशिवरात्रि पर यहां भक्तों का खास जमावड़ा रहता है. यहां रात 12 बजे से भक्तों की लंबी लाइन लग गई थी और तब से लगातार बाबा का दर्शन चल रहा है. हर कोई जल, फूल-माला, चंदन और प्रसाद के साथ बाबा की एक झलक पाने को बेताब है.

वाराणसी में महाशिवरात्रि के अवसर के बाबा श्री काशी विश्वनाथ के मंदिर समेत सभी मंदिरों में सुरक्षा के व्यापक इंतज़ाम किये गए हैं. शहर के छोटे-बड़े शिवालयों में ये उत्सव धूमधाम से मनाया जा रहा है. शिव के भक्तों की आस्था देखते ही बन रही है. बाबा श्री काशी विश्वनाथ का दरबार हो या कोई शिव मंदिर भक्तों की भीड़ देखने को मिल रही है. भक्तों ने अपने ईष्ट देव शंकर का दूध और जल से अभिषेक कर बाबा के जयकारे लगा रहे हैं. बाबा की एक झलक पाने के लिए रात से ही भक्त लाईन में लगे इंतज़ार कर रहे हैं.

श्रद्धा और आस्था के सैलाब में भक्त तल्लीन घंटो हर हर महादेव का उद्घोष कर रहे हैं. कतार बद्ध भक्तों का यह सैलाब शिव भक्ति की अनोखी कहानी बयां कर रहा है. हाथों में श्रद्धा और शिवप्रेम के पुष्प और मन में आस्था का समंदर लिए शिवभक्त हरहर महादेव के जयकारे लगा रहे हैं. बाबा के दर्शन को आये श्रधालुओं ने कहा कि उन लोगों ने बाबा से प्रार्थना किया की उनके देश, समाज, परिवार में सुख समृद्धि और शांति बनी रहे. भगवान देश की सेना को शक्ति और साहस प्रदान करें.