लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने शुक्रवार को कहा कि यमुना एक्सप्रेसवे दुर्घटना के बाद बनी समिति की उस सिफारिश को स्वीकार कर लिया गया है कि लंबी दूरी पर चलने वाले चालकों का 'ब्रेथ एनालाइजर' टेस्ट कराया जाए. यमुना एक्सप्रेसवे पर आठ जुलाई को हुई दुर्घटना में 29 लोगों की मौत हो गई थी.

संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने राज्य विधानसभा में कहा,‘‘हमने यमुना एक्सप्रेसवे दुर्घटना के बाद बनी समिति की इस सिफारिश को मान लिया है कि लंबी दूरी पर चलने वाले चालकों का ब्रेथ एनालाइजर परीक्षण कराया जाए.

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‘ब्रेथ एनालाइजर’ खून में एल्कोहल की मात्रा का पता लगाने वाला उपकरण है.

मंत्री ने कहा, ‘‘दुर्घटनाग्रस्त बस का ड्राइवर उस वक्त किस हालत में था यह सही सही नहीं बताया जा सकता. ड्राइवर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी मौत डूबने से हुई है.’’ खन्ना ने कहा कि ड्राइवर की ड्यूटी नियम मुताबिक थी और वह तीन दिन के अवकाश के बाद ड्यूटी पर आया था.

उन्होंने बताया कि वह रात 11 बजे उस मार्ग पर बस लेकर गया था जिस पर पहले भी जा चुका था. नियम मुताबिक लंबे रूट के ड्राइवर को आठ घंटे की ड्यूटी पर रखा जाता है और पांच घंटे की यात्रा के बाद उसे आधे घंटे का आराम दिया जाता है. एक सप्ताह में ड्राइवर के कामकाज के घंटे 54 होते हैं.

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उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम :यूपीएसआरटीसी: के अधिकारी सरकार द्वारा संचालित 286 बस स्टेशनों पर ब्रेथ एनालाइजर लगाने की प्रक्रिया में हैं.

अधिकारियों ने कहा कि अगर कोई ड्राइवर जांच के दौरान नशे में पाया गया तो उसे तत्काल निलंबित कर दिया जाएगा जबकि संविदा चालक की सेवा वहीं मौके पर समाप्त कर दी जाएगी.