लखनऊ: उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वृद्धावस्था और विधवा पेंशन के लाभार्थियों का वेरिफिकेशन कराने का फैसला किया है. अधिकारियों के मुताबिक, अपात्रों एवं मृतकों को लिस्ट से हटाने और नए लाभार्थियों का नाम जोड़ने के लिए ऐसा किया जा रहा है. शासन के आदेश के बाद समाज कल्याण विभाग ने इसकी कवायद शुरू कर दी है. शासन के निर्देश के मुताबिक, समाज कल्याण विभाग को एक महीने के भीतर वेरिफिकेशन कर अपनी रिपोर्ट भेजनी होगी. उसके बाद ही शासन की तरफ से आगे का फैसला लिया जाएगा.
शिकायतों के बाद लिया गया है वेरिफिकेशन का निर्णय
विभाग के आंकड़ों के मुताबिक, लखनऊ में 18689 लोगों को वृद्धावस्था पेंशन और 38951 लोगों को विधवा पेंशन का लाभ मिलता है. विभाग के सूत्रों के मुताबिक, अपात्रों को योजना का लाभ दिए जाने की शिकायतों के बाद शासन के निर्देश पर लाभार्थियों के वेरिफिकेशन का निर्णय लिया गया है.
डोर-टू-डोर सर्वे कर बनाई जाएगी लिस्ट
जिला समाज कल्याण अधिकारी के.एस. मिश्रा के मुताबिक, डोर-टू-डोर सर्वे के दौरान अपात्रों के नाम लिस्ट से हटाए जाने के साथ ही इससे वंचित लोगों की सूची बनाई जाएगी और इसे शासन को भेजा जाएगा. मंजूरी मिलने के बाद ही पेंशन जारी की जाएगी.
योगी सरकार ने की थी गरीबों के लिए पेंशन स्कीम शुरू करने की घोषणा
बता दें कि इससे पहले यूपी की योगी सरकार ने गरीबों के लिए पेंशन स्कीम शुरू करने की घोषणा की थी. इस स्कीम में 50 लाख से ज्यादा गरीबों को 800 रुपए प्रतिमाह की पेंशन दी जाएगी. योगी सरकार जल्द से जल्द इस स्कीम को लागू करने की तैयार में है. कहा जा रहा है कि इस साल जुलाई-अगस्त तक इसकी घोषणा की जा सकती है. बता दें कि इससे पहले अखिलेश सरकार में समाजवादी पेंशन योजना शुरू की गई थी. जिसमें हर महिने गरीबों को 750 रुपए दिए जाते थे. समाजवादी पेंशन में 55 लाख लोगों को इस सुविधा का लाभ मिल रहा था. बाद में प्रदेश सरकार ने इस योजना पर रोक लगा दी थी.