नई दिल्ली/लखनऊ : समाजवादी पार्टी में चल रही 'फूट' की प्रक्रिया पर पहली बार अमर सिंह खुल कर बोले हैं. उन्होंने कुनबे की कलह पर भी अपनी बात रखी है. हालांकि, वे भी लंदन में इलाज कराने गए हैं और वीडियो जारी कर संदेश दिया है. उन्होंने,  सीधे तौर पर सीएम अखिलेश पर निशाना साधा है और मुलायम सिंह यादव का हर स्थिति में समर्थन देने की बात कही है. साथ ही कहा कि यह स्थिति असंवैधानिक है. Live: मुलायम परिवार में आज होगा शक्ति परीक्षण, सुबह 9 बजे बैठकों का दौर शुरू मुलायम सिंह यादव पार्टी के मुखिया हैं और बहुत मेहनत से पार्टी बनाई समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद अमर सिंह ने कहा कि मुलायम सिंह यादव पार्टी के मुखिया हैं और बहुत मेहनत से पार्टी बनाई है. वे पार्टी और अखिलेश यादव, दोनों के पिता हैं. अमर सिंह के अनुसार उनकी अवमानना करना पार्टी के प्रति अनुशासनहीनता है और अनैतिक है. उन्होंने कहा कि वे एक पत्र फैक्स के जरिए पार्टी के संसदीय बोर्ड को भेज रहे हैं. वे इलाज के लिए लंदन में हैं. 48 घंटों में क्या-क्या हुआ जो सपा के टूटने की नौबत आई, पूरे घटनाक्रम पर एक नज़र 'राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलियुग आएगा...बेटा करेगा राज...' इसके साथ ही उन्होंने पार्टी में उपजी ताजा स्थिति को लेकर कलियुग की दुहाई तक दे दी. उन्होंने कहा कि 'राम चंद्र कह गए सिया से ऐसा कलियुग आएगा, बेटा करेगा राज...बेचारा बाप जंगल को जाएगा.' इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि जो भी कुछ हो रहा है वह काफी दुखद है. यह पहली बार है कि इस मुद्दे पर अमर सिंह ने इस तरह से खुलकर बात की है. बिहार : बक्सर में जेल ब्रेक, दीवार कूदकर पांच कैदी फरार हो गए पार्टी की नींव मुलायम सिंह ने बहुत निष्ठा और कड़ी मेहनत से डाली थी : अमर अमर ने कहा, ‘‘ पार्टी की नींव मुलायम सिंह ने बहुत निष्ठा और कड़ी मेहनत से डाली थी. मैंने यह पहले भी कहा है और अब भी कहूंगा कि मुलायम सिंह सपा के अध्यक्ष हैं, साथ ही में अखिलेश के पिता भी हैं.’’ मुलायम ने कल कहा था कि उन्होंने पार्टी को बचाने के लिए अखिलेश और रामगोपाल के खिलाफ कार्रवाई की है. पार्टी को कड़े प्रयासों के जरिए खड़ा किया गया है. कालेधन को सफेद करने का 'इंटरनेशनल खेल', चौंकाने वाला है हवाला का यह रूप पार्टी पहले है,  इसलिए हम अखिलेश और रामगोपाल दोनों को निकाल रहे हैं : अमर उन्होंने कहा था, ‘‘ हमें पार्टी बचानी है. पार्टी पहले है. इसलिए हम अखिलेश और रामगोपाल दोनों को निकाल रहे हैं.’’ उन्होंने बताया कि यह फैसला इसलिए किया गया क्योंकि रामगोपाल ने महासचिव के रूप में अपनी शक्ति का इस्तेमाल करते हुए एक जनवरी को पार्टी की आपात बैठक बुलाने का फैसला किया और अखिलेश ने बैठक का समर्थन किया था.