इलाहाबाद: काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई होगी. वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर और ज्ञानवापी मस्जिद का विवाद अब निचली अदालत से निकलकर इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंच गया है.

हाईकोर्ट में जस्टिस संगीता चंद्रा की कोर्ट इस मामले में आज सुनवाई शुरू करेंगी. काशी विश्वनाथ मंदिर ट्रस्ट व अंजुमन इस्लामिया वाराणसी के बीच मुकदमे में 1947 की स्थिति बहाल रखने का फैसला दिया था. इस फैसले के अंतर्गत एक हिस्से में मस्जिद रखने, शेष मंदिर के उपयोग में रहने का आदेश दिया गया था. अब ए.डी.जे. वाराणसी के 23 सितम्बर 1998 व 10 अक्टूबर 1997 के आदेश को सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड लखनऊ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

सुन्नी सेन्ट्रल बोर्ड की इसी अर्जी पर आज से हाईकोर्ट में सुनवाई शुरू होगी. याचिका दायर करने वालों का कहना है कि 1942 में ही मामला सिविल कोर्ट वाराणसी से तय हो चुका है. 19 सितम्बर 1991 में पूजा अधिकार कानून आने के बाद मंदिर ट्रस्ट व अन्य ने मामला दायर किया है.

सिविल जज वाराणसी ने वक्फ बोर्ड की मामवे में पक्षकार बनाने की अर्जी निरस्त कर दी और मामले के बिन्दु तय किये हैं. आदेश के खिलाफ पुनरीक्षण अर्जी में राहत न मिलने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई. याचिका में स्वयं भू भगवान विश्वेश्वर नाथ मूर्ति, सोमनाथ व्यास, राम रंग शर्मा, हरिहर पांडेय व अंजुमन इंतजामिया मस्जिद वाराणसी (वक्फ मस्जिद शाही आलमगीरी) को पक्षकार बनाया गया है.

मंदिर की तरफ से दाखिल मामले में मस्जिद हटा कर मंदिर को कब्जा सौंपने की मांग की गयी है. सिविल कोर्ट के आदेश पर हाई कोर्ट से रोक लगी है.