लखनऊ: आज पूरे देश की नजरें अयोध्या पर होंगी क्योंकि श्रीश्री रविशंकर अयोध्या पहुंचने वाले हैं. वे सभी पक्षकारों से बात करेंगे लेकिन विवाद से जुड़े सभी पक्षकारों ने पहले ही साफ कर दिया है कि समझौता मुमकिन नहीं. इसके बाद सवाल ये उठता है कि आखिर रविशंकर अयोध्या जा क्यूं रहे हैं? क्या कोई है जो रविशंकर की इस मुहिम के पीछे है? आखिर कौन लिख रहा है श्री श्री के मिशन राम मंदिर की पटकथा?



मिशन अयोध्या पर श्री-श्री रविशंकर के पहुंचने से पहले ही उनकी पूरी मुहिम की हवा निकलती दिख रही है. विवाद से जुड़े सभी पक्षकारों ने पहले ही साफ कर दिया है कि समझौता होना होता तो बहुत पहले हो चुका होता. सरयू में काफी पानी बह गया, सरकारें बदल गईं लेकिन विवाद का हल अब तक नहीं निकल सका. बीच का रास्ता निकालने के प्रयास सालों से किए जा रहे हैं और अब एक और बार सही लेकिन अंतिम फैसला देश की सर्वोच्च अदालत को ही करना चाहिए, लिहाजा रविशंकर के अयोध्या जाने और ना जाने से कोई अब कोई फर्क पड़ता नहीं दिखता.



अब सवाल ये कि जब कोई समझौते के लिए तैयार ही नहीं है तो फिर रविशंकर आखिर किससे और क्या बात करने जा रहे हैं? वो कौन सा मसौदा होगा जिस पर पक्षकारों को राजी करना चाहते हैं रविशंकर? जब रविशंकर के साथ कोई खड़ा ही नहीं दिख रहा तो फिर इस अयोध्या दौरे का क्या महत्व रह जाता है?


आपको बता दें कि रविशंकर लखनऊ से सुबह 11 बजे अयोध्या पहुंचेंगे जिसके बाद वह राम जन्मभूमि के दर्शन करेंगे और फिर इकबाल अंसारी से मिलेंगे. इसके बाद वह मुस्लिमों के पक्षकार सुन्नी वक्फ बोर्ड के हाजी महबूब से मिलेंगे और फिर राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष नृत्य गोपाल दास और महंत ज्ञानदास से मुलाकात करेंगे.



मुस्लिम धर्मगुरु भी श्री श्री रविशंकर की इस मुलाकात से ज्यादा इत्तेफाक नहीं रखते और इसके पीछे तर्क भी मजबूत हैं. अयोध्या जाने से पहले रविशंकर ने सीएम योगी से भी मुलाकात की जिसे उन्होंने महज एक शिष्टाचार भेंट बताया. सबकी नजरें श्री श्री के राम लला दौरे की स्क्रिप्ट लिखने वाले बाल्मिकी को ढूंढ रही हैं क्योंकि न तो रविशंकर पक्षकार हैं न ही सरकार के प्रतिनिधि और न की कोर्ट ने उन्हें इस मसले का सुलझाने के लिए लगाया हैं तो फिर वो ये सारी कवायद क्यों और किसके इशारे पर कर रहे हैं? आखिर उनके पीछे कौन है?