रामपुर: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और रामपुर के सांसद आजम खान अब एक नई मुश्किल में फंसते नजर आ रहे हैं. उन पर दो हजार से अधिक पेड़ कटवा देने का आरोप लगा है. इससे पहले उन पर जमीनों पर कब्जे समेत अन्य कई आरोप लग चुके हैं.

आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने सरकारी ज़मीन पर खड़े कत्थे के 2,173 पेड़ कटवा दिए. समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान आजम खान की जौहर यूनिवर्सिटी को जो जमीन लीज पर दी गई थी उस पर 2173 पेड़ भी लगे थे जिनकी कीमत करीब 4 लाख 13 हजार आंकी गई है.

लीज की शर्तों के मुताबिक पेड़ों को काटा नहीं जा सकता था लेकिन अब एसडीएम रामपुर की जांच में सामने आया है कि अब वहां कोई पेड़ नहीं है. ये रिपोर्ट एनजीटी को भेज दी गई है. जिला प्रशासन ने यूपी सरकार से लीज निरस्त करने की सिफारिश भी की है.

पेड़ काटे जाने के मामले में आजम खान को नोटिस भेज जाने की तैयारी है. हाल ही में उनके रिजॉर्ट की दीवार को प्रशासन ने गिरा दिया था जिसमें से पुरानी ईंटें निकली थीं. रिजॉर्ट के एक हिस्से को सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध कब्जा कर बनाए जाने का आरोप है.

दूसरी ओर मोहम्मद अली जौहर यूनिवर्सिटी को लेकर आजम खान लगातार फंसते नजर आ रहे हैं. सबसे पहला विवाद दो शेरों की मूर्तियों का है. ये दोनों मूर्तियां रामपुर क्लब से चोरी हुई थीं. ये मूर्तियां उस दौर की हैं जब रामपुर में नवाबों का शासन था. ये दोनों मूर्तियां जौहर यूनिवर्सिटी में पाई गईं.

दूसरा विवाद मदरसा आलिया की किताबों का है. 1774 में खोले गए इस मदरसे को आजम खान के ट्रस्ट ने लीज पर ले रखा है. यहां करीब 9 हजार प्राचीन किताबें थीं. साथ ही इस मदरसे का फर्नीचर भी बेशकीमती था. आरोप है कि ये किताबें और फर्नीचर जौहर यूनिवर्सिटी पहुंचा दिया गया.

तीसरा विवाद जमीन से जुड़ा है. 78 हेक्टेयर में बनी इस भव्य यूनिवर्सिटी की 38 हेक्टेयर जमीन पर विवाद है. आरोप है कि इस जमीन को जबरन किसानों से ले लिया गया. यूनिवर्सिटी के लिए तीन बार सर्किल रेट कम कराए गए. सपा सरकार के दौरान इस यूनिवर्सिटी पर भारी भरकम सरकारी पैसा खर्च किया गया था.