लखनऊ: समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने फूलन देवी की पुण्यतिथि पर एक पुरानी तस्वीर शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है. अखिलेश यादव ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक तस्वीर शेयर की है जो उनके शादी के समय की है. इस तस्वीर में फूलन देवी अखिलेश और उनकी पत्नी डिंपल यादव को आशीर्वाद देती नजर आ रही हैं. अखिलेश ने फोटो के साथ एक कैप्शन भी लिखा है ..

फूलन देवी जी की पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन. अगर हर स्त्री को सम्मान, सुरक्षा और न्याय मिले तो उनके चेहरों पर भी सच्ची मुस्कान आ सकेगी.

फूलन देवी का जन्म जालौन के गोहरा गांव में बहुत ही गरीब परिवार में हुआ था. फूलन जब 9 साल की थी तब उसके पिता देवी दीन की मौत हो गई थी. फूलन देवी की उम्र जब 11 वर्ष की थी तो फूलन की मां ने उनकी शादी एक अधेढ़ उम्र के शख्स पुत्ती लाल से कर दी थी. पुत्ती लाल फूलन को यातनाएं देता था. फूलन देवी ने पुत्ती लाल का घर छोड़ कर मायके लौट आई.

किया था नरसंहार

14 फरवरी 1981 को फूलन देवी ने अपने साथियों के साथ मिलकर एक बेहमई नाम के गांव पर धावा बोला था. घरों से खींच-खींच कर 20 ठाकुरों को गोली से छलनी कर दिया था. इस सामूहिक नरसंहार की गूंज पूरे भारत समेत देश के बाहर तक सुनाई पड़ीं थी. जब फूलन देवी गांव के अन्दर घुसी थी तो पूरे गांव में सन्नाटा हो गया था.

एसपी के टिकट पर जीतकर बनी थी सांसद

फूलन देवी एक दस्यु थी. उसने आत्मसमर्पण और अपनी सजा काटने के बाद राजनीति में कदम रखा था और एसपी के टिकट पर जीतकर सांसद बनी थी. अपने संघर्षपूर्ण जीवन के कारण उनकी ख्याति अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर थी. शेखर कपूर ने फूलन के जीवन पर एक फिल्म भी बनाई 'बैंडिट क्वीन' जिसमें फूलन का किरदार सीमा बिस्वास ने निभाया है. यह फिल्म काफी चर्चित हुई थी. फूलन देवी ने 1996 में सपा की टिकट पर मिर्जापुर से सांसदीय का चुनाव जीता था.