मुंबईः कुछ दिन पहले महाराष्ट्र सरकार ने चीन की कंपनियों को कुछ टेंडर दिए. करोड़ों के इन टेंडरों के चलते महाराष्ट्र सरकार अब मुश्किलों का सामना कर रही है. दरअसल गलवान घाटी में भारत-चीन सेनाओं के बीच हुए हिंसक संघर्ष में 20 भारतीय जवानों की शहादत के बाद पूरे देश में चीन और चीनी कंपनियों का विरोध हो रहा है.

व्यापारिक संगठनों से लेकर राजनीतिक दल महाराष्ट्र की कांग्रेस-एनसीपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार को घेर रहे हैं. व्यापारी संगठन कैट ने महाराष्ट्र सरकार के इस फैसले को लेकर सरकार की कड़ी निंदा की है. कैट ने शिवसेना को बालासाहेब ठाकरे के राष्ट्र प्रेम की याद दिलाई है. हर ओर सरकार की किरकिरी हो रही है.

शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में इस गतिरोध को लेकर लिखा है कि महाराष्ट्र सरकार ने किसी चीनी कंपनी को निष्कासित किया तो कोई और राज्य अपने यहां बुला लेगा. इसलिए केंद्र सरकार को चाहिए कि चीनी कंपनियों को लेकर पूरे देश के लिए राष्ट्रीय नीति तैयार करें.

चीन से जारी ताजा गतिरोध में पूरे देश में चीनी सामान का विरोध हो रहा है चीन की बहुत सारी कंपनियों का भारत में निवेश है. बहुत सारी कंपनियां भारत में व्यापार कर रही है. देश से आवाज उठ रही है इन कंपनियों पर नकेल कसी जाए ‘सामना’ में भी देश के लिए एक नियम बनाने के लिए कहा गया है.

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