लखनऊ: आजम खान ने आज संसद में अपनी टिप्पणी के लिए दो बार माफी मांगी. उन्होंने बीजेपी सांसद रमादेवी पर जो टिप्पणी की थी उसके लिए आजम को ये माफी मांगनी पड़ी. पिछले कुछ दिनों से उनके द्वारा संसद में की गई टिप्पणी पर विवाद जारी था. ऐसा पहली बार नहीं है कि रामपुर के सांसद ने कोई विवादित बयान दिया हो. थोड़े-थोड़े दिनों में उनके बयान सुर्खियों में रहते हैं और विवाद का कारण बनते हैं.

लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान चुनाव आयोग ने उनके प्रचार पर बैन भी लगा दिया था. उन्होंने बीजेपी प्रत्याशी जया प्रदा को लेकर एक टिप्पणी की थी. हालांकि उन्होंने और अखिलेश यादव ने दावा किया था कि ये टिप्पणी जया प्रदा के लिए नहीं थी.

चुनाव के दौरान ही उनका एक और वीडियो भी वायरल हुआ था जिसमें वह किसी बस्ती में एक गाड़ी पर खड़े होकर बोलते दिखते हैं कि डीएम से डरना मत. ये लोग तनखैये हैं और मैं इनसे बहन जी के जूते साफ कराउंगा.

आजम खान कभी सेना पर विवादित बयान देते हैं तो कभी बाबा साहेब अंबेडकर पर. कभी बीफ पर बयान देते हैं तो कभी गैंगरेप केस पर बयान देते हैं. 2015 में उन्होंने मोबाइल फोन को रेप के लिए जिम्मेदार बता दिया था. वह पीएम मोदी और सीएम योगी को लेकर भी बेहद तल्ख और तीखे बयान बयान दे चुके हैं.

अपने पिता की राह पर चलते हुए उनके बेटे अबदुल्ला भी विवादित बयान देने लगे हैं. 2019 चुनाव के दौरान उन्होंने कहा था कि हमें अली-बजरंगबली चाहिए लेकिन अनारकली नहीं चाहिए. उनका इशारा बीजेपी प्रत्याशी की तरफ था. आजम के ''बजरंग अली'' बयान पर भी काफी विवाद हुआ था.

एएमयू से पढ़े आजम खान ने 1976 में जनता पार्टी ज्वाइन की थी, इसके बाद वे लोकदल में चले गए. इसके बाद वे जनता दल, जलता दल सेक्युलर, लोकदल आदि में रहने के बाद समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए. उन्होंने एक बार समाजवादी पार्टी भी छोड़ दी थी. हालांकि बाद में वे दोबारा समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए.