नई दिल्लीः कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को सोनभद्र में हुए सामूहिक हत्याकांड के पीड़ित परिवारों से मिलने जाने के दौरान मिर्जापुर में प्रशासन ने रोककर हिरासत में ले लिया. अदलहाट क्षेत्र के नारायनपुर में खुद को रोके जाने के विरोध में प्रियंका ने धरना शुरू कर दिया, जहां से उन्हें हिरासत में लेकर चुनार गेस्ट हाउस ले जाया गया. अब उनके पति रॉबर्ट वाड्रा ने अपनी पत्नी की गिरफ्तारी के खिलाफ फेसबुक पोस्ट में विरोध दर्ज कराया है.


रॉबर्ट वाड्रा ने लिखा है कि जिस तरह से मेरी पत्नी व कांग्रेस नेता प्रियंका जी को गिरफ्तार किया गया है वो पूरी तरह अंसवैधानिक है. उनकी गिरफ्तारी जो कि बिना किसी कारण है और गिरफ्तारी के लिए ना ही कोई दस्तावेज पेश किया जाना यह कानून की धज्जियां उड़ाने जैसा है. क्या मृतकों के परिवारजनों से मिलना गैरकानूनी है? क्या सरकार उस हर आवाज को दबा देना चाहती है जो सच को उजागर करती है? यह सरासर लोकतंत्र की हत्या जैसा है, उत्तर प्रदेश सरकार को यह चाहिए कि वे तुरंत उन्हें रिहा करें और लोकतंत्र को लोकतंत्र ही रहने दें तानाशाही ना बनाएं.



कैसे और क्यों हुई प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी
बुधवार 17 जुलाई को सोनभद्र गोलीकांड में घायल हुए लोगों से मिलने के लिए वाराणसी के एक अस्पताल पहुंची. प्रियंका ने जब सोनभद्र जाने की कोशिश की तो प्रशासन ने उन्हें रोक लिया. इसके विरोध में प्रियंका अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गईं और खुद को रोके जाने के लिए लिखित आदेश दिखाने की मांग की. पुलिस अधीक्षक अवधेश पाण्डेय ने कहा कि सोनभद्र में धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू है, इसीलिए प्रियंका को रोका गया है और प्रियंका को हिरासत में लेकर चुनार गेस्ट हाउस लाया गया है. पाण्डेय ने बताया कि वह खुद और जिलाधिकारी अनुराग पटेल प्रियंका से वार्ता करने गेस्ट हाउस पहुंचे हैं.


प्रियंका गांधी ने क्या कहा
इससे पहले, प्रियंका ने धरने के दौरान कहा कि वह सोनभद्र में हुई वारदात में मारे गए लोगों के परिवार के लोगों शांतिपूर्ण तरीके से मिलने जा रही थीं लेकिन प्रशासन ने उन्हें रोक दिया. कांग्रेस नेता ने कहा कि वह चाहती हैं कि उन्हें जाने से रोकने का लिखित आदेश उन्हें दिखाया जाए. उन्होंने कहा 'सोनभद्र में धारा 144 लागू है, मिर्जापुर में नहीं. मैंने प्रशासन से कहा था कि मैं सिर्फ 4 लोगों के साथ भी सोनभद्र जाकर पीड़ितों से मिलने को तैयार हूं, मगर इसके बावजूद न जाने क्यों हमें रोक दिया गया.


कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘सोनभद्र में जिन लोगों पर गोलियां बरसायी गयीं, उनका क्या कुसूर था. उन्होंने अपने अधिकारों के लिये लड़ाई लड़ी बस, अपनी जमीन जो पुश्तों से वह जोत रहे थे, उसको हड़पा जा रहा है. वारदात में मारे गये लोगों के परिजन को 25-25 लाख रुपये का मुआवजा और जमीन पर मालिकाना हक मिलना चाहिये.’ प्रियंका ने कहा कि सोनभद्र मामले में सरकार और प्रशासन की नाकामी खुलकर सामने आयी है. उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में जो स्थिति बन रही है और रोज हत्याएं हो रही हैं उससे ऐसा लगता ही नहीं कि प्रदेश में सरकार नाम की कोई चीज है.


यूपी के डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा ने भी दिया बयान
इस बीच, प्रदेश के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा ने इस मुद्दे पर कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों की ही जिम्मेदारी है कि किसी भी दुखद घटना के बाद वहां उत्तेजना ना फैलने दें. उन्होंने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिये किसी प्रकार की उत्तेजनापूर्ण कार्रवाई से बचा जाना चाहिए. दरअसल 17 जुलाई को सोनभद्र में जमीन विवाद में एक ग्राम प्रधान ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर दूसरे पक्ष पर गोलीबारी की जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए.


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