पटना: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को निरस्त करने के फैसले का संसद के दोनों सदनों में विरोध करने के बाद जेडीयू ने अपना रुख बदल लिया है. बिहार में बीजेपी के साथ मिलकर सरकार चला रही जेडीयू ने बुधवार को कहा कि अब इसको लेकर कानून बन गया लिहाजा सभी को उसका पालन करना चाहिए. जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार के विश्वासपात्र माने जाने वाले पार्टी के महासचिव और राज्यसभा सांसद रामचंद्र प्रसाद सिंह ने यह भी कहा कि हमारे वैचारिक मतभेदों का बिहार में एनडीए पर कोई असर नहीं पड़ेगा. गठबंधन बरकरार है और हम अगले साल एक साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने की उम्मीद कर रहे हैं.

आरसीपी सिंह ने कहा कि अब चूंकि यह विधेयक संसद द्वारा पारित कर दिया गया है, इसलिए यह कानून बन गया है और इसका सभी को सम्मान करना चाहिए. उन्होंने कहा कि संसद में विधेयक पारित होने के साथ जो कानून लागू हुआ है, वह देश का कानून है. इसे सभी को मानना चाहिए. इस मुद्दे पर बीजेपी के साथ हमारे मतभेद हमेशा ज्ञात रहे हैं और हमने समर्थन में मतदान नहीं करके अपना विरोध दर्ज कराया. संसद के दोनों सदनों में जेडीयू के सदस्यों ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक का विरोध करते हुए बहिर्गमन किया था.

जेडीयू नेता ने कहा कि हम लोहिया और जेपी जैसे समाजवादी हस्तियों के पदचिन्हों पर चलने वाले हैं, ऐसे में अपनी वैचारिक स्थिति के मद्देनजर हम विधेयक का समर्थन नहीं कर सकते थे. विधेयक लाने से पहले केंद्र द्वारा हमसे परामर्श नहीं लिया गया था. उन्होंने कहा, ‘‘ अब जबकि विधेयक संसद द्वारा पारित कर दिया गया है, हम आगे वैचारिक मतभेद में शामिल नहीं होना चाहते. अब, हमारी चिंता यह है कि जम्मू-कश्मीर के लोग केंद्र के बेहतर शासन के वादे का लाभ हासिल कर सकें.’’ उन्होंने पार्टी के विधान पार्षद गुलाम रसूल बलियावी के एक बयान को खारिज करते हुए कहा कि यह लोकतंत्र है और सभी लोगों को अपनी व्यक्तिगत राय व्यक्त करने का अधिकार है.

बलियावी ने मोदी सरकार पर तीखा हमला करते हुए कहा था कि अब कोई राजग नहीं रहा है बल्कि केवल बीजेपी है. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने संसद में अपना पक्ष रखा और अब वह केंद्र में सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहती है. आरसीपी सिंह ने कहा कि पार्टी का रुख नीतीश कुमार की सोच के अनुरूप है, जो हमारे सर्वोच्च नेता हैं. गौरतलब है कि बिहार में सत्ता में शामिल जेडीयू लगातार यह कहती रही है कि वह अनुच्छेद 370, समान नागरिक संहिता और अयोध्या विवाद जैसे मुद्दों पर बीजेपी के विचारों से सहमत नहीं है.