रांची: एक ओर भारत चीन का सीमा विवाद चल रहा है और दूसरी तरफ इन्हीं सब के बीच में देश में 19 जून को राज्यसभा को लेकर चुनाव होने हैं. एक ओर बॉर्डर पर सेना और केंद्र सरकार ने मोर्चा संभाला है तो दूसरी तरफ राज्यों में राजनीतिक पार्टियों ने राज्यसभा चुनाव के लिए कमर कसनी शुरू कर दी है.
इसी कड़ी में आज झारखंड में बीजेपी ने विधायक दल की बैठक बुलाई थी जिसमें बीजेपी के सभी 26 विधायकों के साथ-साथ सहयोगी दल आजसू के 2 विधायक शामिल हुए. ये बैठक रांची के सरला-बिरला विश्वविद्यालय में हुए लेकिन बैठक के ठीक बाद यानी 17 जून को शाम 5 बीजेपी ने यहां मौजूद सभी विधायकों को राज्यसभा चुनाव होने तक रोक लिया है.
यानी साफतौर पर बीजेपी ने ये दांव राज्यसभा चुनाव के श्योर शॉट के लिए चला है. गौरतलब है कि झारखंड से राज्यसभा के लिए 2 सीटें निकलती हैं. राज्य में कुल 81 सीटों की विधानसभा है और मौजूदा समय में 79 विधायक मौजूद हैं. ऐसे में प्रथम वरीयता मत प्राप्त कर जीतने के लिए राज्यसभा उम्मीदवारों को मौजूदा गणित के हिसाब से 27 मत प्रथम वरीयता में चाहिए.
इस हिसाब से देखा जाए तो 2 सीटें कन्फर्म हैं. झारखंड में जहां बीजेपी की तरफ से झारखंड बीजेपी अध्यक्ष दीपक प्रकाश मैदान में हैं तो वहीं सत्तारूढ़ दल जेएमएम की तरफ से शिबू सोरेन मैदान में हैं. अगर आंकड़ों पर गौर करें तो इन दोनों का जीतना तय है लेकिन इसी में कांग्रेस ने अपने उम्मीदवार के तौर पर शहजादा अनवर को उतार दिया है जिससे राज्य में राज्यसभा चुनाव को लेकर हलचल बढ़ गई है.
झारखंड में जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी गठबंधन की सरकार है और इसी बीच बीजेपी के सहयोगी कहे जाने वाले सुदेश महतो (आजसू पार्टी) ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से मुलाकात कर ली. जिससे कहीं न कहीं बीजेपी को डर सताने लगा कि कहीं सहयोगी पाला न बदल लें. शायद इसी वजह से हॉर्स ट्रेडिंग के डर से बीजेपी ने आज विधायक दल की बैठक के बाद ही सभी विधायकों को रोक लिया और साथ में आजसू के 2 विधायकों को भी रोक लिया है.
एबीपी न्यूज़ से बातचीत में पिछली सरकार में मंत्री रहे और मौजूदा विधायक सीपी सिंह ने बताया कि यहीं सरला-बिरला में रुके हुए हैं. इसी बहाने ‘पिकनिक’ भी हो जाएगी और परसों यानी 19 जून को राज्यसभा चुनाव के लिए मतदान करने भी यहीं से सीधे चले जाएंगे, तब तक यहीं रहेंगे.
अगर बीजेपी के 26 और आजसू के 2 विधायकों को मिला दें तो संख्या 28 हो जाती है जो कि प्रथम वरीयता मत की संख्या 27 से एक ज्यादा ही है. ऐसे में बीजेपी ने ये दांव राज्यसभा की एक सीट पूरी तरह से सुरक्षित करने के लिए चला है.
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