पटना: केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बुधवार को राफेल सौदे पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के लिए 'झटका' बताने वाले विपक्ष पर पलटवार किया. उन्होंने कहा कि इस केस का मेरिट अभी तय होना बाकी है. उन्होंने पटना जिला के बख्तियारपुर में बुधवार को पत्रकारों से कहा कि राफेल को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को सरकार के लिए झटका बताया जाना विपक्षी दलों का एक प्रायोजित स्टैंड है. कोर्ट ने महज यह कहा है कि यह उन दस्तावेजों की भी जांच करेगा, जिसका सरकार के पास विशेषाधिकार हैं या अनधिकृत तरीके से याचिका में संलग्न हैं.

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का फैसला मेरिट के आधार पर आना बाकी है. पटना साहिब से बीजेपी उम्मीदवार ने कहा कि शीर्ष अदालत पहले ही कह चुकी है कि इस सौदे में कोई व्यावसायिक हित शामिल नहीं थे जो राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए आवश्यक थे. ऐसे में सरकार की स्थिति मजबूत है.

रविशंकर प्रसाद ने कहा, “भारतीय वायु सेना को मजबूत करने के लिए राफेल सौदा आवश्यक था. भारतीय वायुसेना के पास अत्याधुनिक विमान की कमी थी.’’ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर सरकार के खिलाफ एक प्रायोजित अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं. जहां तक विपक्षी दलों और उनके प्रायोजित अभियान का सवाल है, उन्हें इस देश के लोगों द्वारा जवाब दिया जाएगा.

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